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दिल की पुलिस ! नशा करोबार पर हुई दिल से मेहरबान ! दिल्ली में लाॅकडाउन, नशा करोबार लाॅकओपन

-: सक्षम भारत :-
(विजय कुमार भारती)

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में लाॅकडाउन किया गया है, परन्तु नषा कारोबार के लिए लाॅकओपन है। जहां एक और कोरोना महामारी के संक्रमण से सैकड़ो मौते दिल्ली में दिन प्रतिदिन हो रही है और हजारो की संख्या में लोग इस महामारी की चपेंट में आ रहे है।
जिसको देखते हुऐं मुख्यमंत्री, अरविन्द्र केजरीवाल ने समपूर्ण दिल्ली में लाॅकडाउन लगाया हुआ और वहीं दुसरी और दिल की पुलिस नशा करोबार पर दिल से मेहरबान बनी हुई है। पूरी दिल्ली में नशे का कारोबार चरम पर है और लाॅकडाउन में दिल्ली सरकार के सरकारी शराब के ठेके बंद है, परन्तु नशे का कारोबार दिल्ली की सभी झुग्गी-झोपड़ी से लेकर जे0जे0 काॅलोनी, अनाधिकृत काॅलोनी व पुरानी दिल्ली में खुलेआम स्मैक, चरस, गांजा और हरियाणा से लाई हुई, सन्तरा, देसी और अंग्रेजी शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है।
कोरोना वायरस महामारी और लाॅकडाउन में जहां लोगो के काम रोजगार/कारोबार चोपट हो गए और कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज के लिए अस्पतालो के चक्कर पे चक्कर कांट रहे है। इलाज कराने के लिए अपने घर मकान, दुकान, जेबरात, जमा पुंजी तक बेचने को मज़बूर है। कर्जे पर कर्जा चढ़ता जा रहा है और दिल्ली के लोगो में कोरोना वायरस के डर और भय से जीने को मौहाल है। पूरी दिल्ली के ष्मषान घाटो पर चिता पर चिताऐं जल रही है और सैकड़ो की संख्या में प्रतिदिन मौते होती जा रही है।
वहीं दुसरी और नषा कारोबार अपने चरम पर है, दिल्ली पुलिस की हप्ता वसूली तो दुगनी हुई रात चैगनी और कटिंग भी लाखों रूपये में बढ़ गई है।
अवैध कारोबार दिन दूगना रात चैगना बढ़ता जा रहा है। रेटलिस्ट 20रू का पऊवा संन्तरा 80रू, 35रू वाला देसी पऊवा 150रू में और अंग्रेजी पऊवा 120रू वाला 250रू में हरियाणें की अंग्रेजी शराब 400रू वाली 1000 रूपये की बोतल और स्मैक/गांठ/क्वंाटर 250रू वाली 500रूपये में गांजा 50रूपये वाली पुडिया 150रूपये में सरेआम बेची जा रही है ऐसा नही है की लाॅकडाउन में खुलेआम बेचे जा रहे नशे की जानकारी जिला उपायुक्तों पुलिस को ना हो क्योकि दिल की पुलिस भी नशा कारोबारियों को दिल से सहयोग कर रही है, जिसकी ऐवज में दिल से ही काली कमाई लेकर अपने जेब और बैंक बेलेंस को बढ़ाकर अपना समाजवाद दूर कर रही है। अवैध उगाही में स्थानीय थानों के सिपाही से लेकर खंड अधिकारियों तक दोनो हाथों से काला धन बटौर रहे है। दिल की पुलिस लाॅकडाउन में हप्ता वसूली भी चार गुना तक बढ़ गई है। शराब और गांजा के एक-एक कारोबारी से 20हजार रूपये हप्ते की जगह 50 हजार रूपये की हप्ता वसूली की जा रही है और स्मैक/गांठ/क्वांटर के एक-एक कारोबारी से 1 लाख रूपये हप्ता वसूली की जगह 2 लाख रूपये और नषा बेचने वालों को रंगे हाथों पर पकड़े जाने पर छोड़ने के नाम पर कटिंग लाखों में अलग से की जा रही है।
स्थानीय लोग और निवासियों ने आरोप लगाया है कि लाॅकडाउन में जिनको कारोबार की अनुमति दी गई है, उनको डरा धमका कर बंद करवाते है और नषा कारोबार को चलवाते है और रसम अदायिगी के लिए पर्चे देकर अख़बारों में ढिंढोरा पिटती है दिल की पुलिस आयुक्त, एस.एन.श्रीवास्तव क्या लाॅकडाउन की आड़ में खुलेआम नषे के कारोबार और अपनी दिल की पुलिस अवैध काली कमाई की जांच करवांगे।

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