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जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का समर्थन कर आलोचना झेल रही है आप

नई दिल्ली, 05 अगस्त (सक्षम भारत)। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35ए हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले का समर्थन लोगों के गले नहीं उतर रहा है. पार्टी एक तरफ दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है और दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाए जाने का समर्थन कर रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर पार्टी नेताओं को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

आप पार्टी केन्द्र सरकार के फैसलों की मुखर विरोधी रही है लेकिन जम्मू-कश्मीर पर सरकार का समर्थन करना उसकी अब तक की राजनीति से अलग माना जा रहा है. पार्टी को अब अपना अस्तित्व बचाने के लिए दिल्ली चुनावों में जीत हासिल करनी जरूरी है, ऐसे में वह भाजपा को उसके खिलाफ मोर्चा खोलने का कोई मुद्दा नहीं देना चाहती. हालांकि आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कश्मीर की तुलना दिल्ली और पुडुचेरी से किए जाने का विरोध किया है.

सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर का दिल्ली व पुडुचेरी के साथ तुलना करना ठीक नहीं है. दिल्ली और पुडुचेरी शांत प्रदेश हैं. यहां पूर्ण राज्य बेहतर प्रशासन लाएगा. जबकि कश्मीर का दो तिहाई हिस्सा पाकिस्तान और चीन के कब्जे में है. कश्मीर में एक साल में 150 बार घुसपैठ हो रही है. इनकी तुलना दिल्ली से करना तर्कसंगत नहीं है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन करते हुए कहा कि हम जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार के निर्णय का समर्थन करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा. पार्टी के इस फैसले पर आप नेताओं को सोशल मीडिया पर ट्रोल का सामना करना पड़ रहा है.

आप के पूर्व नेता एवं कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीटर पर मुख्यमंत्री केजरीवाल पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अपनी यूनियन टैरिटरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के असंभव ख़्वाब देखने वाले अरविंद केजरीवाल को भी एक पूर्ण राज्य के यूनियन टैरिटरी में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ रहा है. एक अन्य ट्विटर यूजर शरद मिश्रा ने लिखा कि उधर दिल्ली के मालिक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मांगते रहे, इधर मोटा भाई ने कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा भी छीन लिया.

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