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धन की कमी के कारण पंचगव्य पदार्थों के अनुसंधान के सरकारी कार्यक्रम में प्रगति नहीं

नई दिल्ली, 11 अगस्त (सक्षम भारत)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक पहल पंचगव्य और उनके लाभ के बारे में शोध को लेकर दो वर्ष बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि पांच में से चार मंत्रालयों ने इसके लिए धन जारी नहीं किया। यह जानकारी मिशन के समन्वयक ने दी। आईआईटी दिल्ली के ग्रामीण विकास और प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रमुख और साइंटिफिक वैलीडेशन एंड रिसर्च वैलीडेशन एंड रिसर्च ऑन पंचगव्य (एसवीएआरओपी) के समन्वयक वी. के. विजय ने बताया कि परियोजना के लिए सौ करोड़ रुपये तय किए गए थे लेकिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने केवल 30 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। विजय ने बताया कि परियोजना में शामिल चार अन्य मंत्रालय हैं — कृषि मंत्रालय, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय, जिन्होंने अभी तक अपने हिस्से का धन जारी नहीं किया है। कार्यक्रम के तहत शोध के लिए कई परियोजना प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। उन्होंने कहा, स्थिति जस की तस है। कुछ भी प्रगति नहीं हुई है। अब चूंकि नया मंत्रालय (पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्रालय) गिरिराज सिंह के अधीन है, मुझे लगता है कि वह अब इसे शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, हमारे लिए सौ करोड़ रुपये तय किए गए थे। डीएसटी ने तीस करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है लेकिन जब तक दूसरे मंत्रालय धन जारी नहीं करते तब तक वे इसे मंजूरी नहीं देंगे। सभी मंत्रालयों को बराबर योगदान करना है।

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