ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके रवि और दीपक के अलावा अंशु और सरिता अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित

नई दिल्ली, 30 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहलवानों रवि दाहिया और दीपक पूनिया के साथ तेजी से उभरती हुई पहलवान अंशु मलिक को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया है।
दीपक ने नूर सुल्तान में 2019 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था जबकि रवि ने कांस्य पदक के साथ तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। दाहिया तोक्यो खेलों की 57 किग्रा स्पर्धा में पदक के मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं जहां उन्हें चैथी वरीयता दी गई है। दाहिया ने हाल में अल्माटी में एशियाई खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया था और फिर पोलैंड ओपन में रजत पदक जीता।
डब्ल्यूएफआई ने 19 साल की अंशु को भी नामित किया है जिन्होंने पिछले साल सीनियर सर्किट पर पदार्पण के बाद छह टूर्नामेंटों में पांच पदक जीते। इसमें एशियाई खिताब भी शामिल है। ओलंपिक में जगह बनाने से चूकने वाली लेकिन अल्माटी में 59 किग्रा वर्ग में खिताब जीतने वाली सरिता मोर को भी अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने बताया, ‘‘चारों पहलवानों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और मान्यता के हकदार हैं इसलिए हमने उनका आवेदन भेजा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए कोच विक्रम, कुलदीप मलिक और सुजीत मान का भी नामांकन किया है।’’
राष्ट्रीय महिला टीम के कोच कुलदीप मलिक को पहले ही ध्यानचंद पुरस्कार मिल चुका है इसलिए शायद द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार नहीं हो। सुजीत ने अपने कुश्ती करियर में एशियाई चैंपियनशिप में चार पदक जीते जिसके बाद वह कोच के रूप में रेलवे से जुड़ गए। वह 2011 से 2019 तक भारतीय पुरुष फ्रीस्टाइल टीम से राष्ट्रीय कोच के रूप में जुड़े रहे।
जीवनपर्यंत उपलब्धियों के वर्ग में डब्ल्यूएफआई ने जगरूप राठी, आरके हुड्डा और आरएस कुंडू को नामित किया है। हुड्डा हरियाणा कुश्ती संघ के सचिव हैं। ध्यानचंद पुरस्कार के लिए डब्ल्यूएफआई ने सज्जन सिंह, जय प्रकाश और दुष्यंत शर्मा के नाम भेजे हैं। 89 साल के सज्जन सिंह 1960 रोम ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं।