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पूर्व सैनिकों, रक्षा विशेषज्ञों ने सीडीएस का पद बनाए जाने के कदम की सराहना की

नई दिल्ली, 15 अगस्त (सक्षम भारत)। पूर्व सैनिकों के साथ ही सामरिक और रक्षा विशेषज्ञों ने भी गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद बनाए जाने की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि यह कदम काफी समय से लंबित था और इससे तीनों सेवाओं के ज्यादा एकीकरण को बल मिलेगा। करगिल युद्ध के दौरान 1999 में सेना का नेतृत्व करने वाले पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) वी पी मलिक ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया जो तीनों सेनाओं में बेहतर संयोजन और बहुपक्षीय समन्वय लेकर आएगा। मलिक ने ट्वीट किया, सीडीएस स्थापना के ऐतिहासिक कदम की घोषणा के लिये शुक्रिया प्रधानमंत्री मोदी। यह कदम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को ज्यादा प्रभावी और अधिक किफायती बनाएगा। यह बेहतर संयोजन और बहुपक्षीय समन्वय सुनिश्चित करेगा। सलाम! पूर्व नौसेनाध्यक्ष और चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के पूर्व अध्यक्ष एडमिरल (सेवानिवृत्त) सुनील लांबा ने कहा कि यह महान कदम है जो काफी समय से लंबित था। लांबा ने कहा, चीफ्स ऑफ स्टाफ के स्थायी अध्यक्ष के लिये जिन चीजों पर काम हो चुका है, अगर वही भूमिका और जिम्मेदारी सीडीएस को दी गईं, (तब) ज्यादा बृहद स्तर पर (रक्षा) बजट के नियोजन और प्रबंधन में एकीकरण हो सकेगा। एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) मनमोहन बहादुर ने कहा कि अभी इस बात के लिये इंतजार करना चाहिए कि सरकार सीडीएस के गठन की प्रक्रिया की योजना को कैसे आगे लेकर जाती है। बहादुर ने कहा, अभी विवरण आना बाकी है क्योंकि इससे ही सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा सचिव की जिम्मेदारी तय होगी। अभी यह जानना बाकी है कि क्या वह तीनों सेनाओं का संचालनीय प्रमुख भी होगा या नहीं…। इन अहम जानकारियों का अभी इंतजार है। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में घोषणा की है कि देश में अब तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर एक सीडीएस होगा जिसका प्रस्ताव 1999 में कारगिल युद्ध के बाद से लंबित है।

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