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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का विषय लोकसभा में उठा

नई दिल्ली, 27 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। छत्तीसगढ़ के सुकमा और अन्य आदिवासी बहुल इलाकों में कथित धर्मांतरण का विषय मंगलवार को लोकसभा में उठाते हुए भाजपा के एक सदस्य ने सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। सदन में नियम 377 के तहत विशेष उल्लेख के जरिये इस विषय को उठाते हुए भाजपा के मोहन मंडावी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में धर्मांतरण चल रहा है जो गंभीर विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि कमोबेश पूरे राज्य में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यही स्थिति है और राज्य सरकार के मंत्री इसके समर्थन में बयान दे रहे हैं। मंडावी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस विषय पर तत्काल हस्तेक्षप कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश देने चाहिए। भाजपा के मुकेश राजपूत ने इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज की विषयवस्तु पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे समाज पर कुप्रभाव पड़ रहा है और ऐसे कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को और सैन्य बलों को अपमानित करने वाले हैं तथा अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं। भाजपा के निहाल चंद चैहान ने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्थानी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने की बहुत पुरानी मांग पर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा की जसकौर मीणा ने कहा कि राजस्थान में 73वें संविधान संशोधन की अनुपालना नहीं हो रही है जिस कारण से पंचायत प्रतिनिधि स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं और मनरेगा जैसे कार्यों के लिए भी विधायकों का अनुमोदन लेना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि राज्य में 73वें संविधान संशोधन का अनुपालन होना चाहिए।

 

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