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सरकार रोजगार सृजन, युवाओं के लिये आजीविका के नये साधन पैदा करने पर ध्यान दे: संसदीय समिति

नई दिल्ली, 27 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। संसद की एक समिति ने कोविड-19 महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चले जाने एवं परिवारों की आर्थिक स्थिति को झटका लगने का उल्लेख करते हुए सिफारिश की है कि सरकार को रोजगार सृजन एवं युवाओं के लिये आजीविका के नये साधन पैदा करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ‘‘एमएसएमई क्षेत्र पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव तथा इसके नियंत्रण के लिये अपनाई गई प्रशमन कार्यनीति’’ विषय पर डा. के केशव राव की अध्यक्षता वाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट संसद में मंगलवार को पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार, समिति का विचार है कि महामारी प्रभावित अर्थव्यवस्था के आर्थिक पुनरूद्धार के लिये सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेज अपर्याप्त है क्योंकि अब तक किये गए उपाय मांग उत्पन्न करने के लिये तत्काल राहत के रूप में नकदी प्रवाह में सुधार की बजाय ऋण की पेशकश करने वाले हैं तथा इनमें दीर्घकालिक उपाय अधिक हैं। इसमें कहा गया है कि महामारी की पहली लहर के बाद जब आर्थिक सुधार की प्रक्रिया चल रही थी तब दूसरी लहर ने विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया। समिति ने सिफारिश की, ‘‘ सरकार को एमएसएमई क्षेत्र सहित अर्थव्यवस्था को महामारी से उबारने में मदद करने के लिये मांग, निवेश, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तुरंत एक आर्थिक पैकेज लाना चाहिए।’’ रिपोर्ट के अनुसार, समिति यह भी सिफारिश करती है कि छोटे उद्योगों के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये सरकार को नये उद्यमों को व्यवसाय चालू रखने और कार्यबल के लिये नौकरी के अवसर पैदा करने के वास्ते चल निधि उपलब्ध करानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां चली गईं और परिवारों की आर्थिक स्थिति को झटका लगा तथा लॉकडाउन की अवधि में उनकी नियमित आय में गिरावट दर्ज की गई। समिति सिफारिश करती है कि सरकार को रोजगार सृजन एवं युवाओं के लिये आजीविका के नये साधन पैदा करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

 

 

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