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भारत और नेपाल के रिश्ते को कोई ताकत तोड़ नहीं सकती: मौलाना हुसैन

बरेली, 31 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। नेपाल के मुस्लिम धर्मगुरुओं और विद्वानों के संगठन ‘उलमा कौंसिल नेपाल’ के अध्यक्ष मौलाना सैयद गुलाम हुसैन ने कहा है कि भारत और नेपाल का रिश्ता रोटी और बेटी का है और इसे कोई भी ताकत तोड़ नहीं सकता। भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूती प्रदान करने के मकसद से नेपाल के उलमाओं और बुद्धिजीवियों का 25सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां आला हजरत दरगाह पहुंचा है। तंजीम उलमा इस्लाम के बैनर तले ‘भारत-नेपाल उलमा सम्मेलन’ का सोमवार को आयोजन किया गया जिसमें सैयद गुलाम हुसैन ने कहा, ‘‘नेपाल में जो कट्टरपंथी ताकतें सर उठा रही हैं उसके खिलाफ काम करने की जरूरत है।’’ हुसैन ने कहा, ‘‘नेपाल और भारत के रिश्ते बहुत मधुर हैं। भारत सरकार नेपाल सरकार को सहयोग कर रही है। नेपाल में शिक्षा का स्तर अच्छा है और मदरसों में दीनी तालीम के साथ मुख्यधारा से छात्रों को जोड़ा जा रहा है।’’ आला हजरत की मजार पर चादरपोशी और दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां से मुलाकात करने के बाद हुसैन सम्मेलन में शरीक हुए। उन्होंने कहा कि नेपाल के मदरसों में जो पढ़ाई हो रही है वह बरेली के मदरसों से ही ताल्लुक रखती है। नेपाल के भूतपूर्व शिक्षा अधिकारी अब्दुल रउफ ने कहा कि नेपाल के मदरसों की तालीम का स्तर बेहतर है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेपाल के नायब काजी मुफ्ती बशीर अहमद ने कहा, ‘‘नेपाल में कट्टरपंथी सोच के लोगों की गतिविधियां रोजना बढ़ती जा रही हैं। हमें कट्टरता के खिलाफ आंदोलन को तेज करना होगा।’’भारतीय उलमा के मुफ्ती सलीम नूरी ने अपने संबोधन में कहा कि सूफी विचारधारा ही पूरी दुनिया के लोगों को एक साथ जोड़कर रख सकती है। वहीं पीलीभीत के मौलाना नूर अहमद अजहरी ने कहा कि आला हजरत की तालीम और उनकी किताबों ने पूरी दुनिया में इल्म की रोशनी फैलाई, उनकी लिखी किताबों को पढ़ कर और उस पर अमल से समाज में बुराइयों का खात्मा हो सकता है।

 

 

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