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न्यायालय ने जेपी की याचिका पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश एक सप्ताह के लिये बढ़ाया

नई दिल्ली, 22 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ जेपी समूह की अपील पर यथास्थिति बनाये रखने के अपने आदेश की अवधि बृहस्पतिवार को एक सप्ताह के लिये बढ़ा दी। न्यायाधिकरण ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्रोटेक की नये सिरे से बोली की अनुमति दी थी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी की पीठ को जेपी समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरिमन ने सूचित किया कि दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता में किये गये नये संशोधनों को चुनौती देते हुये 18-19 याचिकायें दायर की गयी हैं। नरिमन ने कहा कि ये याचिकायें एक अन्य पीठ के समक्ष सितंबर महीने में सूचीबद्ध की गयी है।। पीठ ने इस मामले में केन्द्र की ओर से न्यायालय की मदद कर रही अतिरिक्त सालिसीटर जनरल माधवी दीवान के बारे में जानकारी मांगी। पीठ को एक अधिवक्ता ने सूचित किया कि माधवी दीवान एक अन्य न्यायालय में बहस कर रही हैं। इसके बाद पीठ ने इस मामले की सुनवाई 29 अगस्त के लिये स्थगित कर दी। पीठ ने अपने आदेश में कहा, एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाये। अगले आदेश तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा।शीर्ष अदालत ने दो अगस्त को जेपी इंफ्राटेक के मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। जेपी समूह ने अपीलीय न्यायाधिकरण के 30 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमे वित्तीय संकट का सामना कर रही जेपी इंफ्राटेक के लिये नई बोली की अनुमति दी गयी थी लेकिन उसकी प्रवर्तक कंपनी जेपी समूह को इसमें हिस्सा लेने से वंचित कर दिया गया था।

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