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देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्णः उपराष्ट्रपति

बेंगलुरु, 17 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि देश में डिजिटल और प्रौद्योगिकीय बदलाव लाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि लोगों की बेहतरी के लिए व्यवस्था और देश में बदलाव ही लक्ष्य होना चाहिए।

‘बेंगलुरु टेक समिट’ के 24वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हमें ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण और नवोन्मेष को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना चाहिए। हमारे देश में डिजिटल भारत कार्यक्रम जारी है और हमने आधार जैसी सुविधा से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और लोगों तक विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचाने के मामले में अहम प्रगति की है।’’

उन्होंने कहा कि नीति और कार्यक्रम संसद में तय होते हैं लेकिन सबसे अहम हैं इनसे होने वाले लाभों का जनता तक पहुंचना और इसके लिए हमें प्रौद्योगिकीय सुविधाओं का फायदा उठाना होगा और नए विचार सामने लाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से उठाए गए कदम बहुत महत्वपूर्ण हैं। मैं निजी क्षेत्र की भागीदारी का भी आग्रह करता हूं और महसूस करता हूं कि रोजगार पैदा करना, नवोन्मेषी तरकीबों को आजमाना और डिजिटल एवं प्रौद्योगिकीय बदलाव देश में आवश्यक हैं।’’

इस समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सी एन अश्वथ नारायण, उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी, बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

‘बेंगलुरु टेक समिट’ को एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी सम्मेलन माना जाता है। इसका आयोजन राज्य का इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और राज्य सरकार की ओर से किया जाता है।

तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उपराष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि इसमें होने वाली चर्चाओं से निश्चित तौर पर जरूरत के अनुकूल परिणाम सामने आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरु एक जीवंत शहर है, भारत एक जीवंत देश है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सूचना एवं प्रौद्योगिकी सहित अन्य मंचों के इस्तेमाल में पूरे तंत्र में बदलाव लाने की ओर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। आप अपना कर्तव्य निभाते रहिए, आप आगे बढ़ते रहेंगे। यही संदेश मैं देना चाहता हूं।

 

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