बीएफआई ने अदालत से कहा, विश्व चैंपियनशिप के लिये चयनित खिलाड़ियों की हो सकती है समीक्षा

नई दिल्ली, 17 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आगामी महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप को मार्च तक के लिये स्थगित किये जाने के कारण वह देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये चुने गये खिलाड़ियों पर अपने पहले के फैसले की फिर से समीक्षा कर सकता है।
इन खिलाड़ियों में राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति चैधरी शामिल नहीं हैं। उन्होंने चैंपियनशिप के लिये नहीं चुने जाने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति रेखा पल्ली कर रही थी।
बीएफआई के वकील पार्थ गोस्वामी ने अदालत से दो सप्ताह का समय मांगा ताकि खेल महासंघ यह फैसला कर सके कि वह पहले चयनित खिलाड़ियों को बनाये रखना चाहता है या नई टीम का चयन करना चाहता है।
वकील ने कहा, ‘‘हमें दो सप्ताह का समय दो, बीएफआई फैसला कर सकता है।’’
बीएफआई के रुख को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश ने मौजूदा युवा विश्व चैंपियन चैधरी की याचिका पर सुनवाई टाल दी और कहा कि चयनित खिलाड़ी ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन को एक पक्ष बनाने के लिये अभी कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है।
चैधरी ने अपनी याचिका में कहा था कि लवलीना को ट्रायल्स में भाग लिये बिना विश्व चैंपियनशिप की टीम में चुना गया। अदालत ने इस 19 वर्षीय मुक्केबाज की याचिका पर 10 नवंबर को बीएफआई और खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया था।
इस्तांबुल में चार से 18 दिसंबर तक होने वाली विश्व चैंपियनशिप को तुर्की में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण अगले साल मार्च तक के लिये स्थगित कर दिया गया है।