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‘सत्यमेव जयते 2’ से ‘अंतिम’ के क्लैश पर मिलाप जावेरी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जॉन अब्राहम मेरे ‘हल्क’

मुंबई, 22 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। ‘सत्यमेव जयते’ की सफलता के बाद लेखक-निर्देशक मिलाप जवेरी ‘सत्यमेव जयते 2’ लेकर आए हैं। जॉन अब्राहम स्टारर यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान की ‘अंतिमः द फाइनल ट्रूथ’ के साथ रिलीज हो रही है, लेकिन मिलाप इस क्लैश को लेकर जरा भी असुरक्षित नहीं हैं। उन्हें यकीन है कि मनोरंजक फिल्में देखने के लिए दर्शक सिनेमाहॉल जरूर आएंगे। इस खास मुलाकात में मिलाप ने अपनी फिल्म, बॉक्स ऑफिस पर क्लैश, जॉन अब्राहम, हिंदू-मुस्लिम मुद्दा, आर्यन खान और दो भागों में बंटी इंडस्ट्री जैसे कई मुद्दों पर बेबाकी से बात की।

पहले दिन पर क्लैश नहीं है। हम 25 नवंबर को आ रहे हैं और अंतिम 26 को। मैं कहूंगा कि दोनों फिल्में चलें। मैं दर्शकों से अपील करूंगा कि वो 25 को ‘सत्यमेव जयते’ जाकर देखें और 26 को अंतिम और 27 को दोनों देखिए। सलमान भाई (सलमान खान) बहुत स्वीट हैं, उन्होंने हमारा ट्रेलर ट्वीट किया और अपने अंतिम के ट्रेलर लॉन्च पर लोगों से कहा कि ‘सत्यमेव जयते 2’ देखने जाएं और जॉन (जॉन अब्राहम) ने उनका, तो ये आपसी भाईचारा है। मैं इसे क्लैश नहीं कहूंगा बल्कि ये कहूंगा कि दर्शकों के पास फिल्म देखने की ज्यादा चॉइस है। वो दोनों मसाले का मजा ले सकते हैं। ‘सूर्यवंशी’ से हमने देखा कि दर्शक थिएटर लौटने को बेताब हैं और दिलचस्प बात ये है कि उसी दिन रिलीज हुई ‘इटर्नल्स’ और रजनीकांत जी की फिल्म ने भी बहुत अच्छा बिजनेस किया। मुझे उम्मीद है कि पब्लिक दोनों फिल्मों में जाएगी और उन्हें दोनों फिल्में पसंद आएंगी।

मेरे लिए जॉन रियल लाइफ हीरो हैं। मैं उनको अपना हल्क (हॉलीवुड सुपरहीरो) बुलाता हूं। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं, उनकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूं। वाकई वो मेरे लिए तो मसीहा ही थे उस वक्त। उन्होंने मेरी जिंदगी बदल दी। ‘सत्यमेव जयते’ उन्होंने ऐसे टाइम पर की, जब मेरे साथ कोई काम करने को तैयार नहीं था। मेरी अडल्ट कॉमिडी वाली फिल्मों के कारण मेरी इमेज खराब हो चुकी थी। उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, तो वो मेरे दोस्त, बड़े भाई सब कुछ हैं। वो मेरे शुभचिंतक हैं। मैं चाहता हूं कि ये फिल्म खूब चले ताकि मैं उनके साथ और फिल्में कर सकूं। सत्यमेव जयते 3, 4, 5, 6 बना सकूं। मेरी जिंदगी में उनका बहुत बड़ी जगह है।

मुझे लगता है, सिनेमा और ओटीटी दोनों अपनी जगह पर कायम रह सकते हैं। लॉकडाउन में जब सिनेमा बंद थे, तब दर्शकों और मेकर्स को ओटीटी का बहुत बड़ा फायदा हुआ। दर्शक अपने घर पर सुरक्षापूर्ण ढंग से अपने पसंदीदा शोज को देख पाए और जब अब सिनेमा वापिस खुल गए हैं दर्शक सिनेमाहॉल में लौट रहा है, तो भव्य और ग्रेंजर वाली फिल्मों का मजा दर्शक थिएटर में लेगा और दूसरी फिल्मों का मजा ओटीटी पर। ऐसे में दोनों का फायदा है। आने वाले दिनों में सिनेमा भी रॉकिंग रहेगा और ओटीटी भी। दोनों एक ऐसे सशक्त माध्यम हैं, जहां फिल्मकार अपनी कहानी बता सकते हैं। ओटीटी के कारण हर तरह की फिल्मों को ऑडियंस मिली है। मेरे हिसाब से ये विन-विन सिचुएशन है।

पिछले साल लॉकडाउन में कुछ ऐसे हादसे हुए कि ट्विटर पर निगेटिविटी फैल गई थी। लोग नकारात्मक हो गए थे, काफी ट्रोलिंग हो रही थी। वो बहुत बुरा दौर था। सबकी जिंदगी बदल गई थी। मैं चाहता था कि मैं पॉजिटिव रहूं, इसलिए मैंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया था। इस साल लोग कुछ पॉजिटिव नजर आ रहे हैं। ट्विटर पर भी कुछ शांति दिख रही है, तो मुझे लगा कि मैं ट्विटर पर वापस लौट आऊं। मुझे यह प्लैटफॉर्म पसंद है। मैं यहां अपने फैंस से इंटरेक्ट कर पाता हूं।

मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं सोशल मीडिया पर जो भी कहूं, उससे किसी का दिल न दुखे। सच कहने से अगर कोई बदलाव आ सके, तो मैं जरूर कहना चाहता हूं। जैसे कुछ साल पहले राम रहीम के मुद्दे पर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कोई ट्वीट किया था और लोग उन पर चढ़ दौड़े थे। ऐसे समय में मैंने सिद्धार्थ का साथ दिया था। कई लोगों ने मुझे मेसेज करके कहा, ‘तू क्यों साथ दे रहा? तू भी फंस जाएगा।’ मैंने कहा, ‘मैं साथ दूंगा, क्योंकि बेचारे ने कुछ गलत नहीं किया।’ सिद्धार्थ ने भी इसे अप्रिशिएट किया और आगे चलकर हमने ‘मरजावां’ की। सोशल मीडिया पर सही बात कहने में आपको कोई संकोच नहीं रखना चाहिए। जहां तक हिंदू-मुस्लिम की बात है, तो मैं अपनी फिल्मों में भी धार्मिक सौहाद्र का संदेश देता हूं, जो फिल्ममेकर मनमोहन देसाई भी दिया करते थे और आज रोहित शेट्टी ने ‘सूर्यवंशी’ के जरिए वो मेसेज दिया है। मुझे लगता है इस हारमनी की फिल्मों में ही नहीं बल्कि इंडस्ट्री में भी जरूरत है। आखिरकार हम एक ही इंडस्ट्री हैं।

जो लोग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं और जिनका अपना मजबूत वजूद है, उन्होंने इंडस्ट्री के खिलाफ कभी बात नहीं की। सुशांत की भी जो दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेजिडी हुई, उस वक्त भी ट्रोल्स ने सिर उठाया था। जिन लोगों के पास काम नहीं था, उन लोगों ने पब्लिसिटी पाने के लिए खिलाफ होकर बातें की। हमारी इंडस्ट्री हमेशा एकजुट रही है। आज आर्यन खान के केस में भी सभी ने शाहरुख को सपोर्ट किया। मैंने ट्विटर पर उन्हें सपोर्ट किया। रितिक रोशन उनके सपोर्ट में आगे आए। सलमान भाई उनके घर गए। हमेशा जरूरी नहीं कि हर कोई अपना सपोर्ट सोशल मीडिया पर दिखाए। सभी सपोर्ट में थे। मुझे नहीं लगता कि असली इंडस्ट्री दो भागों में बंटी है। जो इंडस्ट्री में हैं ही नहीं, उन्हें ही शोर मचाकर फुटेज बटोरने का शौक है।

 

 

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