
नई दिल्ली, 03 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय मोटर वाहन अनुसंधान संघ (एआरएआई) को इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग समय में कमी के लिए तकनीक विकसित करने की जिम्मेदारी दी गयी है और उसने इस संबंध में एक ‘प्रोटो’ (नमूना) तैयार कर लिया है।
पांडेय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तकनीक के अगले साल अक्टूबर-नवंबर तक तैयार हो जाने और दिसंबर 2022 में उसे बाजार में उतार दिए जाने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि ऐसे वाहनों में लगने वाली लिथियम बैटरी के भारत में ही उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रयास शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उद्योग जगत से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने बैटरियों से पैदा होने वाले कचरे के प्रबंधन पर विचार करने के लिए सितंबर महीने में एक समिति गठित की है।
पांडेय ने कहा कि देश भर में करीब 70 हजार पेट्रोल पंप हैं और उनमें से करीब 22 हजार पेट्रोल पंपों पर सहजता से और तेजी से चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में एक्सप्रेस राजमार्ग, राजमार्ग और सघन आबादी वाले ऐसे शहरी इलाके प्राथमिकता में हैं जहां प्रदूषण की समस्या अधिक है। बाद में ग्रामीण सहित अन्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा।