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सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में भ्रष्टाचार, भाजपा की याचिका पर लोकायुक्त ने मांगे पुख्ता दस्तावेज

नई दिल्ली, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी द्वारा लोकायुक्त में दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. बता दें कि मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, उनका आरोप था कि मनोज सिसोदिया और केजरीवाल सरकार ने मिलकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों का जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है, वह भ्रष्टाचार से लिप्त है. लोकायुक्त के दफ्तर पर मनोज तिवारी और उनके वकीलों की लंबी चैड़ी टीम पहुंची. जहां पर जस्टिस रीवा खेत्रवाल के समक्ष वकीलों ने पूरे मामले को लेकर दस्तावेज पेश किए और सुनवाई शुरू हुई.

इस दौरान जस्टिस ने कहा कि इन सभी पेपरों को देखकर अभी कोई भी कदम नहीं लिया जा सकता है. इसलिए जरूरी है कि पुख्ता दस्तावेज लगाए जाएं. उन्होंने कहा कि अभी इस मामले पर कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता इसलिए ऑडिट की कॉपी अटैच होनी चाहिए.

इस दरमियान मनोज तिवारी की तरफ से वकील चरण ने कहा कि जो दस्तावेज हमारी फाइल में लगे हुए हैं, वह दिल्ली सरकार की तरफ से ही दिए हुए हैं. हालांकि कुछ दस्तावेज और साक्ष्य इसमें नहीं है, जिनको हम जल्द ही आपके समक्ष पेश करेंगे.

सुनवाई के दरमियान जस्टिस ने कहा कि आप सुनवाई और फैसले से पहले अपने दस्तावेजों को फाइल में पूरी तरीके से लगाए, जिससे कि मामले की गहनता से जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि तीन हफ्ते के बाद इस पूरे मामले की दोबारा सुनवाई होगी, जिसके बाद वकीलों ने अपनी हामी दी.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की क्लास रूम को बनाने में जो खर्च आया था, उसमें बीजेपी ने दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगया है. जिस पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मनोज तिवारी पर आरोप लगाया था कि वह मुझे बदनाम कर रहे हैं.

इस बाबत उन्होंने मनोज तिवारी के खिलाफ लीगल नोटिस जारी किया था. इस पूरे मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होनी है. उसके बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर जिस तरीके से मनोज तिवारी ने इस मुद्दे को उठाया है, उसमें कितना दम है.

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