
मुंबईए 01 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉण् मोहन भागवत ने कहा कि मंदिरों के माध्यम से राष्ट्रदेवता का दर्शन होता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक गतिविधि के लिए मंदिर सामाजिक जीवन का केंद्र हैं लेकिन इससे पहले मंदिरों की महिमा को छिपाया गया।
मुंबई के दादर स्थित सावरकर स्मारक में सोमवार को दीपा मांडलिक की ओर से लिखी गई पुस्तक श्माइटी हिंदू किंग्स टेंपलश् का लोकार्पण सरसंघचालक डॉण् मोहन भागवत के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉण् भागवत ने कहा कि मंदिर देश की अर्थव्यवस्थाए कृषिए व्यापार आदि के साथ.साथ स्कूल चलाते हैं। इसलिए शक्तिशाली राजा भव्य मंदिरों का निर्माण करते थे। हालांकिए उन्होंने मंदिरों पर नियंत्रण नहीं रखाए लेकिन उन्हें समुदाय को दे दिया।
सरसंघचालक ने कहा कि मंदिर समाज को धारण करने का साधन हैंए मंदिरों को देखने से किसी के कौशल की महिमा का पता चलता है। इसलिए तिरुवनंतपुरमए कालाहस्तीए सोमनाथए आदि मंदिरों के इतिहास को जानबूझकर हमसे छुपाया गया। डॉण् भागवत ने यहां के मंदिरों की विशेषताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दीपा मांडलिक द्वारा लिखित पुस्तक दर्शाती है कि किसी को मंदिरों को कैसे देखना चाहिए। इस अवसर पर श्माइटी हिंदू किंग्स टेंपल्सश् पुस्तक की लेखिका दीपा मांडलिकए पुरातत्वविद् और मूर्तिकार डॉण् सरकार बीएनण् देगलूरकरए राजेंद्र प्रकाशन की निदेशक नीलिमा कुलकर्णी उपस्थित थीं।