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एवीम की पारदर्शिता पर सवाल उठाने का औचित्य नहीं रू मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा

नई दिल्लीए 10 मार्च ;

ऐजेंसी सक्षम भारत। पांच राज्यों के चुनावों की मतगणना जारी है। ओमीक्रोन और कोविड 19 की चुनौती के बीच आयोग ने पांचों राज्यों में सुरक्षित चुनाव करवाए हैं। चुनाव आयोग ;इलेक्शन कोमिस्सिओनद्ध एक देशए एक चुनाव पर भी काम करने में सक्षम हैए लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है। यह बात देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कही। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 31 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए गए। 1ए900 मतदान केंद्र ऐसे बनाए जो महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। इस वजह से बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी गई। 5 में से 4 राज्यों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत अधिक था।

वाराणसी में जिस ईवीएम को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठायाए उसे मतगणना की ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था। यह एडीएम की गलती से हुआए जिन्होंने राजनीतिक पार्टियों को इसकी जानकारी नहीं दी। कोई भी ऐसी ईवीएम स्ट्रांग रूम से नहीं निकाली जा सकती हैए जिस पर वोट डाले गए हों। हमने जब पार्टियों को समझाया तब उन्हें सही जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है। 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा हैए 2019 में हमने हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल शुरू कर दिया हैण् राजनीतिक दल के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम। सील की गई।

उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव हैए लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है और एक साथ सभी चुनाव कराने में सक्षम है। हम 5 साल में सिर्फ एक बार चुनाव कराने को तैयार हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि मतगणना एक पारदर्शी प्रक्रिया है। एक मानक संचालन प्रक्रिया हैए जिसके तहत हम मतगणना करते हैं। राजनीतिक दलों के अधिकृत मतदान एजेंटों को मतगणना केंद्र के अंदर आने की अनुमति दी जाती है।

आचार संहिता उल्लंघन रू ओमिक्रॉन लहर के कारण चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध के दौरान चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन को गंभीरता से लिया। सभी 5 राज्यों में कोविड.19 मानदंडों के उल्लंघन के साथ.साथ आचार संहिता उल्लंघन के लिए लगभग 2ए270 प्राथमिकी दर्ज की गईं। चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं। श्नो योर कैंडिडेटश् ऐप चुनाव आयोग की एक सफल पहल थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को मतदाताओं के बारे में पता होना चाहिए। इसलिएए हमने यह ऐप बनाया। इस चुनाव में 6ए900 उम्मीदवारों में से 1ए600 से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे।

 

जिनका फायदा चुनावों में जनता ने उन्हें वोट देकर दिया।

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