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राज्यसभा में कैंसर के बढ़ते प्रकोप पर सदस्यों ने जताई चिंता, रोकथाम के उपाय की उठी मांग

नई दिल्ली, 16 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राज्यसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश में कैंसर की घातक बीमारी के प्रसार और इससे मौत के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और सरकार से इसकी रोकथाम के लिए उपाय करने की मांग की।

शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह ने कहा कि देश में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है और रोजाना करीब 1500 लोगों की इससे मौत हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कैंसर से सालाना 12 से 15 लाख लोगों की मौत हो रही है। यदि इस पर नियंत्रण के ठोस उपाय नहीं किए जाएंगे तो आने वाले दिनों में यह सूनामी का रूप ले लेगा।’’ उन्होंने सरकार से गांवों में कैंप लगाने का अनुरोध किया ताकि लोगों की जांच की जाए और कैंसर का लक्षण दिखते ही उनके इलाज की शुरुआत की जा सके। उन्होंने कहा ‘‘सरकार को इसकी रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महेश पोद्दार ने कहा कि प्रसंस्कृत मांस से कैंसर होने का उतना ही खतरा होता है जितना धूम्रपान से होता है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शोध में भी इसकी पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी आशंका व्यक्त की गई है कि अकेले भारत में 2025 तक कैंसर मरीजों की सालाना संख्या 16 लाख तक पहुंच सकती है।’’

अमेरिका में प्रसंस्कृत मांस से लोगों के जीवन पर पड़ रहे असर का उल्लेख करते हुए उन्होंने मांग की कि जिस प्रकार सिगरेट और तम्बाकू उत्पादों पर कैंसर की चेतावनी जारी की जाती है, ठीक उसी प्रकार प्रसंस्कृत मांस पर भी कैसर की चेतावनी जारी करना सुनिश्चित किया जाए।

कर्नाटक से कांग्रेस के सदस्य एल हनुमंथैया ने बेंगलुरू स्थित किदवई कैंसर संस्थान में सुविधाओं के उन्नयन के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी किए जाने की मांग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में प्रति वर्ष साढ़े चार लाख कैंसर मरीजों का इलाज किया जाता है और यहां आने वाले 20 प्रतिशत मरीज दूसरे राज्यों के होते हैं।

हनुमंथैया ने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए इस संस्थान को उन्नत किए जाने की आवश्यकता है। प्रोटोन थैरेपी और अन्य सुविधाओं के लिए इसे 230 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की जरूरत है। उन्होंने सरकार से इस अनुदान राशि को जल्द से जल्द जारी करने की मांग की।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की वंदना चव्हाण ने विभिन्न बीमारियों से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं के सोशल मीडिया पर प्रवाह व प्रसार पर चिंता जताई और इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार से उचित कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग इन भ्रामक सूचनाओं के शिकार भी हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों को लेकर भी विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर भ्रामक जानकारियां देखी गई थीं और इस वजह से लोगों में टीके को लेकर असमंजस की स्थिति देखने को मिली थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसी भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाए और उचित व सही जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कदम उठाए।

तेलंगाना राष्ट्र समिति के के सुरेश रेड्डी ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत किए गए वादों को अभी तक पूरा ना किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से आग्रह किया कि वह इन्हें जल्द से जल्द पूरा करे।

तेलुगु देशम पार्टी के कनकमेदला रवींद्र कुमार ने आंध्र प्रदेश की लंबित रेल परियोजनाओं को पूरा करने का मुद्दा उठाया तो मिजोरम के मिजो नेशनल फ्रंट के वेंलेवेना ने पूर्वोत्तर में भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय केंद्रों की संख्या बढ़ाने की मांग की।

 

 

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