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राष्ट्रीय बाल श्रम योजना को बंद नहीं किया गया : यादव

नई दिल्ली, 04 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय बाल श्रम योजना को बंद नहीं किया गया है बल्कि इसके अंतर्गत चलने वाले बाल श्रम केंद्रों को समग्र शिक्षा के अंतर्गत समाहित किया गया है। श्री यादव ने लोकसभा में एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय बाल श्रम योजना 1988 से शुरू हुई थी। यह योजना बाल मजदूरों के लिए थी लेकिन राइट टू एजुकेशन आने के बाद हमारे देश में छोटी उम्र के बच्चों से लेकर 18 साल के बच्चों को समग्र रूप से शामिल किया गया इसलिए जो भी बच्चे शिक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं उनके लिए सरकार समग्र शिक्षा कार्यक्रम चला रही है। बाल श्रम केंद्रों को समग्र शिक्षा के अंतर्गत समाहित किया गया है। इस योजना को बंद नहीं किया गया है। इसे श्रम विभाग से शिक्षा विभाग में मर्ज किया गया है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि न्यूनतम मजदूरी का अर्थ है कि जो अकुशल मजदूर काम कर रहे हैं उनके जीवन की न्यूनतम जरूरतों को पूरा किया जा सके। उसके लिए निश्चित आय सरकार उपलब्ध कराती है। वैरिएबल महंगाई भत्ता (वीडीए) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर तय किया जाता है। इसे हर पाँच साल में रिव्यू किया जाता है।

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