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आर्थिक निर्णयों में केंद्र व राज्यों के बीच सामंजस्य अनिवार्य: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध सहित कुछ अन्य वैश्विक परिस्थितियों के मद्देनजर बढ़ती चुनौतियों का हवाला देते हुए बुधवार को आर्थिक निर्णयों में केंद्र व राज्य सरकारों के बीच अधिक तालमेल और सामंजस्य की आवश्यकता जताई और महंगाई से जनता को राहत देने के लिए विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती करने का आग्रह किया।

देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा के बाद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल और सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, उससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।’’

प्रधानमंत्री ने आम जनता पर पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए पिछले साल नवंबर में आयात शुल्क में की गई कटौती का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने सभी राज्यों से उस वक्त आग्रह किया था कि वे अपने यहां वैट कम करें।

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं।’’

 

 

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