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‘वैश्विक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाए विश्व व्यापार संगठन’, डब्ल्यूटीओ में भारतीय राजदूत ने कहा

नई दिल्ली, 13 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारत चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) वैश्विक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाए, जिसका असर सदस्य देशों की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है। डब्ल्यूटीओ में राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेंद्र नवनीत ने भारत की तरफ से दिए गए बयान में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार निकाय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार होना चाहिए और कोरोना महामारी के बाद और भू-राजनीतिक संकट की स्थिति के दौरान विकास को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में एक और नई बड़ी परेशानी आ खड़ी हुई है, जो अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती महंगाई दर है।’’ उन्होंने कहा, “यह भोजन, उर्वरक और ईंधन संकट के माध्यम से फैल रही है और यह अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाली है। यह बहुत सारे लाभों का सफाया करने की ओर बढ़ रही है, जो महामारी से पहले हासिल किए गए थे।” यह बयान 4 मई को व्यापार वार्ता समिति (टीएनसी) और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख की अनौपचारिक बैठक के दौरान दिया गया था। 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के संदर्भ में उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि इन महत्वपूर्ण समस्याओं से निपटने के लिए विश्व व्यापार संगठन की भूमिका है।” उन्होंने कहा कि भारत एक सफल एमसी की उम्मीद करता है, जो वर्तमान खाद्य संकट और चल रही महामारी सहित उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करेगी, जिनका सामना दुनिया कर रही है। बता दें कि विश्व व्यापार संगठन की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली बॉडी 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की बैठक 12-15 जून को जिनेवा में होनी है। भारत में महंगाई दर अप्रैल में बढ़ी है। अप्रैल में खुदरा महंगाई वार्षिक आधार पर आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो 7.79 प्रतिशत है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की ज्यादा कीमतें हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी थी।

 

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