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प्रतिस्पर्धी फर्मों व पीई से बातचीत कर रही अल्ट्राटेक सीमेंट

मुंबई, 13 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी हासिल करने की खातिर पश्चिम व मध्य भारत के कुछ सीमेंट प्लांटों की बिक्री प्रतिस्पर्धी सीमेंट कंपनियों व प्राइवेट इक्विटीज को करने के लिए बातचीत शुरू की है, अगर अल्ट्राटेक को अंबुजा सीमेंट में स्विस कंपनी होल्सिम की 63 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण में कामयाबी मिलती है।

एक बैंकर ने कहा, आक्रामक तौर पर गैर-बाध्यकारी बोली लगाते हुए अल्ट्राटेक ने यह सौदा पूरा करने के लिए होल्सिम से अतिरिक्त समय भी मांगा है क्योंंकि अल्ट्राटेक व अंबुजा-एसीसी सीमेंट के जुड़ाव से प्रतिस्पर्धा आयोग का ऐतराज सामने आएगा और इससे अल्ट्राटेक, अंबुजा और एसीसी की परिसंपत्तियों के विनिवेश का मामला उठेगा। सूत्रों ने कहा कि अल्ट्राटेक उन सभी प्रतिस्पर्धी फर्मों से बातचीत करेगी, जो तय समयसीमा में सीमेंट प्लांट के अधिग्रहण में रुचि रखती हों।

होल्सिम व अल्ट्राटेक के प्रवक्ताओं ने इस संबंध में टिप्पणी नहींं की। एक सूत्र ने कहा, अल्ट्राटेक की बोली काफी आक्रामक है, हालांकि अन्य दो बोलीदाताओं अदाणी समूह व जेएसडब्ल्यू के पास इसे और बेहतर करने का विकल्प है, अगर होल्सिम उनमें से किसी को एक्सक्लूसिव बातचीत के लिए चुनती है। पीई से भी संपर्क किया गया है, अगर वे भारतीय सीमेंट उद्योग में निवेश की इच्छुक हों।

अल्ट्राटेक के पास 12 करोड़ टन सालाना उत्पादन की क्षमता है, वहीं भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट फर्म अंबुजा और उसकी सहायक एसीसी के पास 6.4 करोड़ टन सालाना की क्षमता है। ज्यादातर परिसंपत्तियों का विनिवेश गुजरात व मध्य भारत मेंं होगा, जहां अधिग्रहण सीसीआई की सीमा को पार करेगा।

अल्ट्राटेक पहले ही होल्सिम को अपनी योजना बता चुकी है और उसके पास उन प्लांटों की विस्तृत जानकारी है जिसे अल्ट्राटेक व एसीसी को सीसीआई की मंजूरी पाने के लिए बेचना होगा। दो अन्य बोलीदाताओं से तुलना करें तो अल्ट्राटेक यह सौदा पूरा करने के लिए छह से आठ महीने का अतिरिक्त समय लेगी। अंबुजा सीमेंट का शेयर गुरुवार को 4 फीसदी चढ़कर 373 रुपये पर बंद हुआ और इस तरह से उसका कुल मूल्यांकन 74,000 करोड़ रुपये बैठता है, जबकि बीएसई सेंसेक्स 2.1 फीसदी टूट गया।

एक बैंकर ने कहा, होल्सिम हालांकि जल्द बिक्री करना चाहती है लेकिन अल्ट्राटेक की उच्च पेशकश होल्सिम को इस बिक्री में देरी का मौका देगी, वहीं अन्य दो बोलीदाताओं को अपनी बोली की रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। अब मामला होल्सिम के पाले में है।

 

 

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