Business

इंडोनेशिया सोमवार से हटाएगा पाम तेल निर्यात का प्रतिबंधए राहत के आसार

नई दिल्लीध्मुंबईए 20 मई ;(ऐजेंसी सक्षम भारत)। पाम तेल के दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता इंडोनेशिया ने 23 मई से निर्यात से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया हैए जो भारत और अन्य देशों के लिए भी बड़ी राहत की बात हो सकती है। भारत औसतन सालाना लगभग 1ण्3 करोड़ टन से लेकर 1ण्35 करोड़ टन तक खाद्य तेलों का आयात करता हैए जिसमें से लगभग 80 लाख से लेकर 85 लाख टन ;करीब 63 प्रतिशतद्ध पाम तेल रहता है और इसमें 45 से 50 प्रतिशत इंडोनेशिया से और बाकी हिस्सा पड़ोसी देश मलेशिया से आता है।

एजेंसियों ने खबर दी है कि इंडोनेशिया के राष्टड्ढ्रपति जोको विडोडो ने वीडियो के रूप में दिए गए एक बयान में कहा है कि प्रतिबंध हटाने का यह फैसला खाना पकाने का तेल ;थोकद्ध अभी तक कम होकर लक्षित 14ए000 रुपये ;इंडोनेशिया की मुद्राद्ध प्रति लीटर के दामों पर नहीं आने के बावजूद लिया गया हैए क्योंकि सरकार पाम तेल उद्योग में 1ण्7 करोड़ श्रमिकों के कल्याण के बारे में सोच रही है। उन्होंने कहा कि खाना पकाने के तेल की थोक आपूर्ति अब घरेलू बाजार के लिए जरूरी स्तर से अधिक स्तर पर पहुंच चुकी है।

उन्होंने कहा कि अप्रैल में निर्यात प्रतिबंध से पहले खाना पकाने के तेल की औसत कीमत ;थोकद्ध 19ए800 रुपये प्रति लीटर थी और प्रतिबंध के बाद औसत कीमत गिरकर लगभग 17ए200 से 17ए600 रुपये प्रति लीटर हो गई। इंडोनेशिया का यह प्रतिबंधए जो 28 अप्रैल से लगाया गया थाए रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से फसल संरक्षणवाद की सबसे बड़ी कवायदों में से एक थाए जिसने सूरजमुखी का तेल निर्यात अवरुद्ध कर दिया और वैश्विक कमी को बदतर कर दिया। पाम तेल का उपयोग भोजन से लेकर साबुन और ईंधन तक हर चीज में किया जाता है और इंडोनेशिया के इस कदम से बड़े स्तर पर मुद्रास्फीति वाले समय में कई आपूर्ति शृंखलाओं की लागत और बढऩे का खतरा पैदा हो गया।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ;एसईएद्ध के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह भारत के लिए एक बड़ी राहत वाली बात होनी चाहिए और निश्चित रूप से दामों में सुधार होगा। लेकिन कितना होगाए यह कहना मुश्किल हैए क्योंकि जब प्रतिबंध लगा थाए तब हमने इंडोनेशिया के बिना रहना शुरू कर दिया था और पड़ोसी देशों मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल की अपनी आपूर्ति बढ़ा दी थी।चतुर्वेदी ने कहा कि कीमतों में इसलिए भी नरमी आएगीए क्योंकि आम तौर पर गर्मियों में खाद्य तेल की मांग कम हो जाती हैए क्योंकि तले हुए खाद्य पदार्थों की खपत कम होती है।

इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण भारत सहित दुनिया भर में खाद्य तेलों के दाम तेजी से बढ़े थे। खाद्य तेल कारोबारियों का कहना है कि प्रतिबंध हटने के तुरंत बाद दो से ढाई लाख टन पाम तेल भारत आ जाएगा जिससे आपूर्ति की स्थिति बेहतर होगी।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि हमने पिछले सप्ताह दावे के साथ कहा था इंडोनेशिया को मजबूरन प्रतिबंध हटाना ही पड़ेगाए अन्यथा इंडोनेशिया की परिस्थिति श्रीलंका की तरह हो सकती है। संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने बताया इंडोनेशिया के प्रतिबंध हटाने से पाम तेल के दामों में कमी होगीए जिसका असर अन्य खाने पकाने के तेलों पर होगा। यानी इस कदम से भारत की जनता को राहत मिलने के आसार हैं।

इंडोनेशिया के सांसदों द्वारा 19 मई को ताड़ के तेल के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने के लिए सरकार से आग्रह करने के तुरंत बाद यह निर्णय आया है। सांसदों ने अपने अनुरोध में कहा कि पाम तेल उत्पादन देश के राजस्व का प्रमुख स्रोत हैए आने वाले हफ्तों में प्रतिबंध जारी रखाए तो परिस्थितियां विकट हो सकती है। इंडोनेशियाई वित्त मंत्री मुल्यानी इंद्रावती के मुताबिक सरकार को पता है कि निर्यात प्रतिबंध से राजस्व में प्रति माह छह लाख करोड़ ट्रिलियन रुपये की कमी आने का अनुमान है।

इंडोनेशिया वेजिटेबल ऑयल इंडस्ट्री एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक सहत सिनागा ने बताया कि अगर महीने के अंत तक निर्यात प्रतिबंध नहीं हटाया गयाए तो पाम तेल उद्योग को परिचालन बंद करने की संभावना का सामना करना पड़ सकता है। अगर मई के अंत तक निर्यात नहीं हुआए तो सब कुछ अटक जाएगाए टैंक भर जाएंगे। इंडोनेशिया में बंदरगाहों सहित लगभग 60 लाख टन भंडारण क्षमता है और घरेलू स्टॉक मई की शुरुआत में लगभग 50ण्80 लाख टन तक पहुंच गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker