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अग्निपथ की आग में देश के युवा पीढी जल रहा है

-विनोद तकिया वाला-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

इन दिनो सम्पूर्ण देश में सभी के जुबान पर एक चर्चा व चिन्तन की लकीरें स्पष्ट दिखाई पड़ रही है। चाहे वह सतारूढ़ पार्टी हो विरोधी राजनीतिक दल, समाज सेवी हो या राष्ट्र भक्त/रक्षा के विशेषज्ञ हो, हर हाल केन्द्र सरकार के द्वारा लाई गयी ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर समर्थन-विरोध में अपने अपने दे रहा है। खास देश की युवा पीढ़ी में खास नाराजगी देखी जा रही है। कोई अग्निपथ के विरोध में हो रहे देशव्यापी प्रदर्शन हो रहा है। अग्निपथ’ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। युवाओं का गुस्सा दूर करने को केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अग्निवीरों के लिए सस्तेस कर्ज, नौकरियों में आरक्षण जैसी घोषणाएं की गई हैं। युवा को समझाने के तीनो सेना प्रमुखों द्वारा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम किया गया है।

‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों को कोचिंग संचालकों ने हवा दीविगत रविवार दोपहर को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यह बात कही है। तीनों सेनाओं की ओर से ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर जॉइंट प्रेस कॉन्रेंवा स बुलाई गई थी। इसी के दौरान पुरी ने कहा कि जिन लोगों ने विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया, उन्हेंक अग्निपथ का हिस्साब बनने नहीं दिया जाएगा। युवाओं को एक हलफनामा देना होगा कि उसने किसी विरोध, प्रदर्शन में हिस्सां नहीं लिया है। सेना, नौसेना और वायुसेना की ओर से भर्ती प्रक्रिया की टाइमलाइन पर भी जानकारी दी गई। इससे पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों से रविवार सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलाकात की थी। 21 नवंबर 2022 को पहला अग्निवीर चिल्काख के बेसिक ट्रेनिंग सेंटर में रिपोर्ट करना शुरू कर देगा। अब भारतीय वायुसेना की तरफ से एयर मार्शल एसके झा बोल रहे हैं। उन्होंेने बताया, आई ए एफ में 24 जून यानी 4 दिन बाद से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक महीने बाद, 24 जुलाई से फेज 1 परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी। दिसंबर के अंत तक अग्निवीरों के पहले बैच को एनरोल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।

इस संदर्भ में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्य सभा के सांसद संजय सिंह ने कहा कि नौजवान बड़ी मुश्किल से सेना में भर्ती होंगे और पीएम मोदी उन्हें चार साल में बाहर निकाल देंगे। यह युवाओं के साथ विश्वासघात है, इसे तत्काल वापस लिया जाए। मोदी अपने पूंजीपति मित्रों के लिए प्राइवेट आर्मी तैयार कर रहे हों। इस देश को नौजवानों के आक्रोश से बचा लीजिए, ऐसा न हो कि समय बीतने के बाद पछताकर कानून वापस लेना पड़े। इस योजना में न पेंशन, न भविष्य की कोई तनख्वाह न ही कोई नौकरी की योजना‌ है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी, काले कृषि कानून लाकर देश को बर्बाद करने वाली मोदी सरकार अब अग्निपथ योजना लाकर भ्रष्ट पथ पर निकल चुकी है। देश के अंदर अग्निपथ योजना लाकर भ्रष्ट पथ पर निकल चुकी है। सेना को पीएम नरेंद्र मोदी अपनी प्राइवेट एजेंसी बनाना चाहते हैं। भारतीय सेना भारत का गौरव है और देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए है। भारत की सेना में भर्ती होने वाला देश का नौजवान अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा करता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जो अग्निपथ योजना लाई है, यह निश्चित तौर पर देश की निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है।

नौजवान सेना में भर्ती होने के लिए चार साल तक तैयारी करेगा। चार साल तैयारी करने के बाद बड़ी मुश्किल से उसकी भर्ती होगी। इसमें से 2 साल ट्रेनिंग और छुट्टियों में चले जाएंगे। सिर्फ दो साल वह नौकरी करेगा। चार साल की नौकरी के बाद पीएम मोदी जब उसको निकाल कर सड़क पर बाहर खड़ा कर देंगे तो उसके सामने आत्महत्या करने भीख मांगने, अपराध करने या निजी कंपनी में सुरक्षा कर्मी की नौकरी करने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश कीखदानें, सेल, कोयला, एलआईसी, बैंक, सड़क, बिजली, पानी, बीपीसीएल, एयरपोर्ट, पोर्ट सहित सब कुछ चंद पूंजीपतियों को बेच दिया। उसकी रक्षा करने के लिए सुरक्षाकर्मी चाहिए तो क्या देश की सेना को नरेंद्र मोदी सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर बना रहे हैं। वहां से ट्रेनिंग करके जो नौजवान निकलेगा वह निजी कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करेगा। इन प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह योजना लेकर आए हैं। पीएम मोदी अपने मित्रों से कह रहे हैं कि अब आपको ट्रेनिंग में खर्च करने की जरूरत नहीं है। ट्रेनिंग में हम खर्च करेंगे सेना में। 4 सालों उनको ट्रेनिंग देंगे और सड़क पर ला देंगे। उसके बाद मैं आपके यहां जाकर बंदूक उठा कर खड़े हो जाएंगे। आपकी जमीनी और संपत्तियों की रक्षा करेंगे। अब उसकी रक्षा करने के लिए यही नौजवान निकल कर आएंगे, जो 7 से 8 हजार में नौकरी करेंगे।

हिंदुस्तान में क्या आप चंद पूंजीपतियों के लिए प्राइवेट अपनी आर्मी बना रहे हैं। अंग्रेजों की प्राइवेट आर्मी खड़ा करने का काम कर रहे हैं। यह देश की सेना और नौजवानों का घोर अपमान है। आज पूरे देश का नौजवान आक्रोशित है। सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहा है। इसलिए मैं भारत सरकार और नरेंद्र मोदी से मांग करता हूं कि इस देश को जलने से बचा लीजिए। इस देश को नौजवानों की आक्रोश से बचा लीजिए। उनके गुस्से से बचा लीजिए। ऐसा ना हो कि लंबा समय बीतने के बाद आपको पछता कर फिर यह कानून वापस लेना पड़े। अभी भी वक्त है कि हमारे देश के गौरव को गिराने और नौजवानों को अपमानित करने वाले यह कानून वापस ले लीजिए। ये सब्जबाग मत दिखाइए। आपके जुमलों से यह देश बर्बाद हो चुका है एक नौजवान को 17 साल की नौकरी की गारंटी मिलती है। इस देश की सीमा को सुरक्षित करने के लिए अपने प्राण आहुति तक दे देता है। क्योंकि जब वह इस दुनिया में नहीं रहेगा और देश को बचाते हुए शहीद हो जाएगा तो उसके परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार लेगी। आपकी इस योजना में ना पेंशन, ना भविष्य की कोई तनख्वाह, ना ही कोई नौकरी की योजना‌ है।

आप कह रहे हैं कि सिर्फ 25 फीसदी लोगों को स्थाई करेंगे। वह नौजवान तो सिर्फ इसी बात में लग जाएंगे कि किस तरह से अपने अधिकारियों को खुश रखें ताकि 25 फ़ीसदी की श्रेणी में आ जाए। उनके मन में जो देश की सुरक्षा की भावना रहती है, उसको दूर रख कर पहली कोशिश इस बात की करेंगे कि 4 साल की नौकरी में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को किन-किन तरीकों से खुश रखें। जिससे कि 25 फीसदी की श्रेणी में आ जाएं। इसमें ही उनकी पूरी उर्जा चली जाएगी। इसलिए ऐसा कोई काम मत कीजिए। दुनिया के तमाम देशों में सुरक्षा के लिए प्राइवेट आर्मी भी हायर की जाती है। कहीं ऐसा ना हो कि आप अपने पूंजीपति मित्रों के लिए प्राइवेट आर्मी तैयार कर रहे हों। सरकार फिर इसी काम में लग जाएगी कि प्राइवेट आर्मी हायर करके अपना काम चलाया जाए। इस हालत में इस देश को मत पहुंचाइए‌ और भारत की सेना के गौरव को मत गिराइए।

वही कांग्रेस पार्टी ने अपना समर्थन देश युवाओं के साथ खडा रखने का भरोसा दिलाया तथा पार्टी के एक प्रवक्ता ने देश प्रथम तीनो सेना चीप ऑफ डिफेन्स स्टाफ विपिन रावत जी के सपनो को याद दिला कर केन्द्र सरकार से उनकी भावना को लागु करवाने के लिए अपील की। पुर्व सी डी एस रावत जी चाहते थे कि सेना का सेवा काल 58 वर्ष हो ‘लेकिन केद्र की सरकार तो अग्नि वीर को 21 वर्ष में सेवा निवृत करने की साजिश रची है। अन्य सभी विपक्षी दलों के नेता ने अपने ढग विरोध करते हुए सरकार की इस योजना का विरोध कर रही है।

अग्निपथ का भविष्य तो अतीत के गर्भ में है। केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई इस योजना का चहुँतरफा विरोध राजनीतिक रंग दिखने लगा है। सत्तारूढ़ व विपक्ष के चक्र बहु में बचारे देश क्रा भविष्य युवा पीढ़ी शतरंज का मुहरा बनकर रही गई। कितना अच्छा होता योजना लाने से पहले सरकार विपक्ष दलों के नेताओ के संग विचार व सर्वदलीय समिति की बैठक में चर्चा कर योजना लाती। ऐसे विषम परिस्थितियों में हमारे युवाओं को किसी राजनीतिक दलो के बहकावे में नही आकार अपना शांतपूर्वक विरोध करना चाहिए।

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