EducationPolitics

नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का बढ़ता दायरा

-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

नरेन्द्र मोदी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। मोदी की विदेश यात्राओं में इसकी झलक भी मिलती है। नरेन्द्र मोदी जी 7 सम्मेलन में शामिल होने जर्मनी गए थे। यहां आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने यूरोप के अनेक देशों से भारतीय पहुँचे थे। यहां भी वही चिर परिचित दृश्य। सभास्थल पर मोदी-मोदी की गूंज थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। यहां उपस्थित नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस संगठन का विशेष महत्व है। क्योंकि इसमें सभी विकसित देश कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। जर्मनी के विशेष आमंत्रण पर नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल हुए। इसके सदस्य देशों ने विकास तो बहुत किया लेकिन इनकी सभ्यता व विरासत में वसुधा और मानव मात्र के कल्याण का चिंतन नहीं रहा है। इसलिए इन देशों को विकास की कीमत चुकानी पड़ रही है। पर्यावरण का संकट बढ़ रहा है। आतंक और युद्ध की समस्या है। नरेन्द्र मोदी ने यहां भारतीय संस्कृति के अनुरूप प्रकृति के संरक्षण और विश्व शांति का संदेश दिया।

शिखर सम्मेलन में मोदी के विचारों को बहुत महत्व दिया गया। विकसित देशों को अपनी सामाजिक और पर्यावरण संबंधी समस्या से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। भारतीय चिंतन से ही इनका समाधान संभव है। कुछ दिन पहले ही इन देशों में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। य़ह भी मानव कल्याण की भारतीय धरोहर है, जिसके प्रति दुनिया में आकर्षण बढ़ रहा है। नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन रोकने की दिशा में किए जा रहे भारतीय प्रयासों का उल्लेख किया।

उन्होंने सम्मेलन के जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य से जुड़े सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। उर्जा हासिल करना केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक गरीब परिवार का भी ऊर्जा पर बराबर का हक है। यह धारणा गलत है कि गरीब देश और गरीब लोग पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। भारत का हजारों वर्षों का इतिहास इस सोच का पूर्ण रूप से खंडन करता है। प्राचीन भारत ने अपार समृद्धि का समय देखा है। फिर हमने आपदा से भरी गुलामी की सदियों को भी सहा है। आज स्वतन्त्र भारत पूरे विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन इस पूरे कालखंड में भारत ने पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रत्ती भर भी कम नहीं होने दिया। भारत में विश्व की सत्रह प्रतिशत आबादी रहती है। इसके बावजूद विश्व में कार्बन उत्सर्जन में भारत की भागीदारी केवल पांच प्रतिशत है। इसका मूल कारण हमारी जीवनशैली है। यह शैली प्रकृति के साथ सह-सस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है।

नरेन्द्र मोदी ने सम्मेलन स्थल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की। नरेन्द्र मोदी सम्मेलन के मंच पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बात कर रहे थे, उसी समय वहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पहुंचे। उस समय मंच पर दुनिया के कई देशों के प्रमुख मौजूद थे, किन्तु बाइडेन सबको पीछे छोड़ कर मोदी के पास पहुंचे। बाइडेन ने पीछे से मोदी के कंधे पर हाथ रखा तो मोदी ने ट्रूडो से हो रही बातचीत को अल्पविराम दिया और पीछे मुड़कर देखा। इसके बाद बाइडेन व मोदी ने गर्मजोशी से एक दूसरे से हाथ मिलाया। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हुआ और खूब वायरल भी हुआ।

इससे पहले जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। शिखर सम्मेलन में दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के नेताओं ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, खाद्य सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबले सहित विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन स्थल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयन के साथ द्विपक्षीय संवाद किया।

गत माह जापान में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और बाइडन के बीच मुलाकात हुई थी। जर्मनी में भी दोनों नेताओं के बीच उपयोगी वार्ता हुई। नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने वैश्विक हितों के लिए द्विपक्षीय मित्रवत संबंधों को और मजबूत करने तथा आपसी रणनीतिक साझेदारी को गति प्रदान करने को लेकर सहमति जताई। इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मुलाकात। दोनों नेताओं ने चाय पर विभिन्न द्विपक्षीय तथा वैश्विक विषयों पर चर्चा की। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा,रक्षा, फार्मास्युटिकल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन से मुलाकात के दौरान व्यापार,निवेश, प्रौद्योगिकी और जलवायु कार्रवाई में भारत यूरोपीय संघ के सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार के तरीकों पर चर्चा की।

नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में आज एक मजबूत सरकार है। ऐसी सरकार निर्णायक फैसले कर सकती है। देशवासियों में भरोसा है कि उनका पैसा देश की विकास यात्रा में ईमानदारी से खर्च हो रहा है। आज भारत विश्व की चुनौतियों का रोना नहीं रोता। भारत चुनौतियों के समाधान करने में योगदान करता है। भारत की इसी क्षमता और सामर्थ्य का परिणाम है कि दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया। अतीत में पीछे रहने के बावजूद चौथी क्रांति में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी कितने बेहतर तरीके से डिलीवर कर रही है।

यहां से नरेन्द्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात पहुँचे। वहां के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से शोक व्यक्त किया। पिछले महीने उनका निधन हो गया था। कहने की जरूरत नहीं कि पिछले कुछ वर्षों में नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का दायरा लगातार बढ़ता रहा है। उनकी विदेश यात्राओं के दौरान यह प्रमाणित होता रहा है। साथ ही दुनिया के नेताओँ के बीच उनकी बातों को काफी गौर से सुना जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker