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ट्रंप की भारत यात्रा पर केंद्र ने खर्च किए करीब 38 लाख रुपये : आरटीआई

नई दिल्ली, 18 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। विदेश मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को बताया कि केंद्र ने 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 36 घंटे की राजकीय यात्रा पर आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर करीब 38 लाख रुपये खर्च किए।

ट्रंप 24-25 फरवरी 2020 को अपनी पहली भारत यात्रा पर आए थे। उन्होंने अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका, दामाद जेरेड कुशनर और कई शीर्ष अधिकारियों के साथ अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्ली का दौरा किया था।

ट्रंप ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में तीन घंटे बिताए थे। इस दौरान उन्होंने 22 किलोमीटर लंबे रोड शो में भाग लिया, साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नव निर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक विशाल सभा ‘नमस्ते ट्रंप’ को संबोधित किया था। इसके बाद वह उसी दिन ताज महल देखने आगरा रवाना हो गए थे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए 25 फरवरी को वह दिल्ली आए थे।

मिशाल भटेना की आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन कर विदेश मंत्रालय से फरवरी 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति और प्रथम महिला की यात्रा के दौरान भारत सरकार द्वारा उनके भोजन, सुरक्षा, आवास, उड़ान, परिवहन, आदि पर किए गए कुल खर्च का ब्योरा मांगा था।

भटेना ने 24 अक्टूबर 2020 में यह आवेदन दिया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला इसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग का रुख किया।

विदेश मंत्रालय ने चार अगस्त 2022 को आयोग को एक प्रतिवेदन भेजा, जिसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण जवाब देने में देरी होने की जानकारी दी गई।

प्रतिवेदन में कहा गया, ‘‘राष्ट्राध्यक्षों/ शासनाध्यक्षों की राजकीय यात्राओं पर मेजबान देशों द्वारा किया जाने वाला व्यय एक सुस्थापित प्रथा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के मुताबिक है।’’

उसमें कहा गया, ‘‘इस संदर्भ में, भारत सरकार ने 24-25 फरवरी को अमेरिका के (तत्कालीन) राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान उनके आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर अनुमान के मुताबिक करीब 38,00,000 रुपये खर्च किए।’’

प्रतिवेदन पर गौर करने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त वाई. के. सिन्हा ने कहा कि मंत्रालय ने संतोषजनक जवाब देने में देरी का कारण बताया है।

सिन्हा ने कहा कि अपीलकर्ता ने सुनवाई के नोटिस के बावजूद अपने मामले को आगे नहीं बढ़ाया। इसलिए उपलब्ध कराई गई सूचना को लेकर अपीलकर्ता को जो असंतोष है, इसको लेकर वे कुछ नहीं कह सकते।

 

 

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