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मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, मानसून सत्र संपन्न

भोपाल, 15 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कथित पोषण आहार घोटाले और एक अन्य मुद्दे को लेकर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही सभी विधायी कार्य पूर्ण करने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और मानसून सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले संपन्न हो गया। इसके पहले हंगामे के कारण प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए और बाद में प्रश्नकाल के लिए निर्धारित समय 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन के समवेत होने पर कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा और अन्य कांग्रेस विधायक अध्यक्ष गिरीश गौतम के आसन के समक्ष पहुंच गए। इस दौरान श्री मेड़ा ने अपना कुर्ता भी फाड़ लिया। वे काफी देर तक जोर-शोर से बोलते रहे, हालांकि शोरशराबे के कारण कुछ भी सुनाई नहीं दिया।
वहीं भाजपा के उमाकांत शर्मा भी अध्यक्ष के आसन के पास आ गए। बाद में उनका साथ देते हुए भाजपा के अनेक विधायक अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करते रहे। शोरशराबे और हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण करने की औपचारिकता प्रारंभ की, जिसके तहत अनेक रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गईं। वित्त वर्ष 2022-23 के प्रथम अनुपूरक अनुमान से संबंधित विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से पारित किया गया।
इसके अलावा चार अन्य अहम विधेयक, जो कल सदन में पेश किए गए थे, उन्हें भी ध्वनिमत से पारित कराया गया। अनुपूरक कार्यसूची में शामिल तीन अन्य विधेयक भी आज पेश किए गए। इन सभी को हंगामे के बीच आज ही पारित करा लिया गया।
प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन 12 बजे एक बार फिर समवेत हुआ। ये कार्यवाही करीब पौन घंटे चली। इस दौरान सदन में लगातार हंगामे की स्थिति देखने को मिली। सभी विधायी कार्य पूर्ण होते ही संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की अनुपस्थिति में नगरीय विकाय मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष श्री गौतम ने इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और मानसून सत्र संपन्न हो गया।
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार को शुरु हुआ था। इस दिन दिवंगतों को श्रद्धांजलि देकर सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बुधवार को भी सदन की कार्यवाही भारी शोर-शराबे के बीच हुई। मुख्यमंत्री ने पोषण आहार मामले को लेकर सदन में वक्तव्य दिया, लेकिन कांग्रेस सदस्य इस पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े रहे।

 

 

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