GlobelNational

मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर कांग्रेस हाईकमान ही लगाएगा : हुड्डा

चंडीगढ़, 09 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 40 सीटों पर जीत और भारी बहुमत के साथ सत्ता बदलने वाली कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के नाम पर हाईकमान ही अंतिम मुहर लगाएंगे।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने फोन पर बातचीत के दौरान यूनीवार्ता को शुक्रवार को यह जानकारी देते हुये बताया कि पार्टी के सभी निर्वाचित विधायकों की आज अपराह्न तीन बजे शिमला स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बैठक होगी। बैठक में पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वह स्वयं तथा पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह भी माैजूद रहेंगी। उन्होंने कहा कि बैठक में राज्य के नये मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिये पार्टी के हर नवनिर्वाचित विधायक की राय ली जाएगी। बैठक में प्रस्ताव पारित कर हाईकमान को मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाने के लिये अधिकृत किया जाएगा।
बैठक के बाद श्री शुक्ला और प्रदेश पर्यवेक्षकों तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की अपनी अलग से बैठक होगी जिसमें कम से कम दो नाम तय कर पार्टी हाईकमान को भेजे जाएंगे जो इनमें से एक पर नये मुख्यमंत्री के लिये अंतिम मुहर लगेगी।
उल्लेखनीय है कि पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस की विधानसभा चुनावों में जीत के बाद की स्थिति सम्भालने और विधायकों में कोई टूट नहीं होने को लेकर श्री हुड्डा को भी पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उनके अलावा श्री बघेल भी पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं।
श्री हुड्डा के अनुसार सभी विधायक पार्टी एकजुट हैं। विधायकों की किसी कीमत पर खरीद फरोख्त नहीं होने देंगे। राज्य में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
फिलहाल नदौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू, हरोली से नवनिर्वाचित विधायक तथा निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और स्वयं प्रतिभा सिंह के नाम मुख्यमंत्री पद के लिये सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी को देखते हुये हाईकमान किसी ऐसे नाम को भी आगे बढ़ा सकता है जो निर्विवादित और सभी को मान्य हो।
वहीं प्रतिभा सिंह का दावा है कि राज्य की जनता ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के चेहरे पर पार्टी को वोट दिया है। श्री सिंह ने जो विकास कार्य किए हैं वे जनता के सामने हैं। लोगों ने इन्हें देखते हुए मतदान किया है। उन्होंने हालांकि दावा किया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर विधायकों की सहमति पर पार्टी हाईकमान फैसला लेगा। अब यह निर्वाचित विधायकों को तय करना है कि किसे आगे लाना है। राज्य की राजनीति में वीरभद्र सिंह परिवार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पार्टी हाईकमान अगर इस परिवार को कोई जिम्मेवारी देगा तो उसे लेने से पीछे नहीं हटेंगे। श्री सिंह के योगदान को देखते हुए ही पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने भी सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर पार्टी प्रत्याशियों की मजबूती के लिए काम किया। पार्टी घोषणापत्र में लोगों की लम्बित मांगों को प्राथमिकता से शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय विधानसभा चुनावों के वीरवार को आये नतीजों में कांग्रेस 40 जीती हैं जो बहुमत के आंकड़े से 15 अधिक हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 25 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा है। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते हैं। इससे पहले वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा ने 44 और कांग्रेस ने 21 सीटें जीतीं थीं। एक सीट माकपा और दो निर्दलीयों के खाते में गईं थीं।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker