National

दांतों की सेहत के प्रति छात्रों को जागरुक बनाने के लिए केवी शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा एम्स

नई दिल्ली, 26 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। एम्स का दंत चिकित्सा शिक्षा एवं शोध केंद्र एक अनोखी पहल के तहत देश भर के केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षकों को मुख स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण देगा ताकि वे छात्रों को दांतों की सेहत और स्वस्थ खान पान को लेकर जागरुक कर सकें। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिल कर इसी तरह की प्रशिक्षण कार्यशाला का हाल में आयोजन किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक इलाज नहीं होने के कारण दांतों की समस्याएं स्कूली जीवन या कार्य को प्रभावित करने के अलावा स्वास्थ्य लाभ पर आने वाले खर्च को भी बहुत ज्यादा बढ़ा देती हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि जिन बच्चों की दांतों की सेहत दुरुस्त नहीं होती उनके दांत दर्द या संक्रमण के चलते स्कूल न आने की आशंका चार गुणा बढ़ जाती है और स्कूल में उनका प्रदर्शन खराब होने की आशंका भी ज्यादा होती है। दंत चिकित्सा शिक्षा एवं शोध केंद्र (सीडीईआर) के प्रमुख डॉ ओ पी खरबंदा ने कहा कि बच्चों में दांतों की बीमारी का इलाज करना न सिर्फ प्रत्यक्ष खर्च की वजह से बल्कि अप्रत्यक्ष खर्चों की वजह से भी महंगा पड़ता है जैसे कि माता-पिता द्वारा बच्चों को दंत चिकित्सक के पास ले जाने में लगने वाला वक्त। उन्होंने इस पहल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, यह पहली बार है जब नई दिल्ली स्थित एम्स ने पूरे भारत से शिक्षकों के लिए परिसर के भीतर ही क्षमता निर्माण की पहल शुरू की है और उन्हें मास्टर प्रशिक्षक बनाने के लिए चुना है। प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को ये शिक्षक वापस अपने-अपने स्कूल ले जाएंगे और शिक्षकों के ज्यादा समूहों को प्रशिक्षित करेंगे तथा विद्यार्थियों को मुंह की सेहत एवं दांतों की साफ-सफाई के महत्त्व पर संवेदनशील बनाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीखने-सिखाने का मिलाजुला तरीका अपनाया जाएगा जिनमें व्याख्यानों, चर्चाओं और गतिविधियों को शामिल कर शिक्षकों को दांतों की सेहत से जुड़े मुख्य सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker