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भारत जोड़ो यात्रा बारिश में जारी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

कठुआ, 20 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू कश्मीर के जिला कठुआ के हटली मोड़ से शुरू हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा कठुआ के हटली मोड़ से लेकर चढ़वाल तक जाएगी। करीब 25 किलोमीटर की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ आवाजाही बंद कर दी गई है। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पीछे से राष्ट्रीय राजमार्ग को खोल दिया जा रहा है। वहीं यात्रा के दौरान बारिश भी शुरू हुई लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। बारिश के बीच भी यात्रा लगातार जारी रही। राहुल गांधी के साथ शिव सेना सांसद संजय राउत, जेकेपीसीसी सहित हजारों समर्थक बारिश में उत्साहपूर्वक दिखे। भारत जोड़ो भारत जोड़ो, राहुल गांधी आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं, राहुल गांधी संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं जैसे नारों से जम्मू पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग गूंज उठा। यात्रा में बारिश के दौरान राहुल गांधी ने रेनकोट पहना था, करीब 6 किलोमीटर चलने के बाद राहुल गांधी ने फिर से अपना रेनकोट खोल दिया और वापस टी-शर्ट में यात्रा करते नजर आए। इलाके का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब है। परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे। उन्होंने राहुल गांधी के साथ पैदल चलकर लंबी वार्ता की। बरनोटी से पहले पूर्व एमएलसी ठाकुर बलबीर सिंह को भी राहुल से मुलाकात के लिए सुरक्षा घेरे के भीतर बुलाया गया है। इससे पहले जगह जगह कुछ लोगों से उन्होंने मुलाकात की है। सुबह के समय शिव सेना नेता और सांसद संजय राउत भी पैदल यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले वीरवार को 15 किलोमीटर की दूरी में राहुल की ड्रेस तो नहीं बदली, लेकिन पठानकोट से जम्मू-कश्मीर पहुंचते राहुल गांधी की भाषा बदल गई। पठानकोट में उन्होंने आप व केजरीवाल को निशाने पर रखा तो जम्मू-कश्मीर की सीमा पर भाजपा व आरएसएस को। अमूमन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहने वाले राहुल ने प्रधानमंत्री का नाम तक नहीं लिया। भाजपा व आरएसएस तक ही सिमटे रहे। इतना ही नहीं उन्होंने न तो अपने पुराने साथी गुलाम नबी आजाद और न ही उनकी पार्टी का नाम लिया। उन्होंने प्रदेश के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए पूर्वजों के जम्मू-कश्मीर का ही होने का कार्ड चलते हुए यह बताने की कोशिश की कि उनकी आज घर वापसी हो रही है। उन्हें यहां के लोगों के दुख दर्द का पता है। उन्होंने अपने भाषण में बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा उठाकर आम लोगों को साथ लाने की कोशिश की। किसान, मजदूरों व छोटे व्यापारियों का दूसरा हिंदुस्तान बनाने की बात कहकर इन वर्गों से भी सहानुभूति बटोरने व उनका साथ पाने का प्रयास किया। राहुल ने युवाओं को अपने साथ जोड़ने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा जोर शोर से उठाकर यह बताने का प्रयास किया कि अब नौकरियों पर सामान्य लोगों का नहीं बल्कि कुछ चुनिंदा का हक है। आम परिवारों के बच्चों के लिए मजदूरी ही एकमात्र रास्ता बच गया है। राहुल का पूरा प्रयास रहा कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर अपने मकसद को कामयाब बनाया जाए। खासकर जम्मू-कश्मीर में नफरत व हिंसा के माहौल का जिक्र कर उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि हिंदू-मुस्लिम सब एक हैं। उन्हें धर्मनिरपेक्षता की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए और विभाजन की बात करने वालों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।

 

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