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हथेली में दही जमाने वाले नेता हैं मोदी

-सनत कुमार जैन-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हथेली में दही जमाने की कला को जानते हैं। मीडिया में पिछले 3 दिनों से प्रधानमंत्री का विदेश दौरा को कवर किया जा रहा है। फिजी ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान कंपेनियन ऑफ आर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया है। वही पापुआ न्यू गिनी ने भी प्रशांत द्वीप देशों की एकता का समर्थन करने पर सर्वोच्च सम्मान कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु से सम्मानित किया है। पापुआ न्यू गिनी के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत पैर पडकर किया है। जिसकी भारतीय मीडिया में पिछले तीन दिनों से बड़ी चर्चा हो रही है।। मंगलवार को भारतीय मीडिया में आस्ट्रेलिया के भारतीय प्रवासियों के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम की, बड़ी चर्चा भारतीय मीडिया में हो रही है। 2020 में जैसे अमेरिका में हाउडी मोदी का कार्यक्रम हुआ था। उसकी याद ऑस्ट्रेलिया के इस कार्यक्रम ने ताजा कर दी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत विदेशों में बड़ी धूमधाम से होता है। मोदी के पंहुचने पर विदेशों में प्रवासी भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम इवेंट की तरह करते हैं। उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारतीय प्रवासियों के कार्यक्रम में शामिल होते हैं। इस तरह के कार्यक्रम से प्रधानमंत्री की लोकप्रियता देश और विदेश में बड़ा असर छोड़ती है।
दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारत के 1.8 करोड़ प्रवासी भारतीय हैं। प्रवासी भारतीयों की सबसे बड़ी संख्या यूएई में है। जहां 35 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। उसके बाद अमेरिका में 27 लाख और सऊदी अरब में 25 लाख प्रवासी भारतीय हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी 7 लाख के करीब प्रवासी भारतीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ताकत को समझा, और इसका फायदा राजनैतिक एवं व्यापारिक संबंधों में लिया। अमेरिका में 2020 के दौर में मोदी ने भारतीय प्रवासियों के बीच हाउडी मोदी का कार्यक्रम रखा। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की प्रशंसा की। इसकी आलोचना भारत और अमेरिका में भी उस समय हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप हार गए, और बाईडन चुनाव जीत गए। भारत और अमेरिका के रिश्ते में इस कार्यक्रम के कारण फर्क पड़ा। अमेरिका की नई सरकार ने कई महीने भारत में अपना राजदूत नियुक्त नहीं किया। वीजा को लेकर भी अमेरिका के प्रवासी भारतियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन इसका फायदा भारतीय मतदाताओं के बीच लोकप्रियता बढ़ाने में मोदी सफल रहे।
ऑस्ट्रेलिया के चुनाव में प्रवासी भारतीयों ने खुलकर एंथोनी अल्बनीज का समर्थन किया। 10 साल बाद लेबर पार्टी वहां चुनाव जीती। 22 मई 2022 को एंथोनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने। ऑस्ट्रेलिया में 7 लाख अप्रवासी भारतीय रहते हैं। चुनाव में अलबनीज ने भगवा गमछा पहन कर प्रवासी भारतीयों के बीच चुनाव प्रचार किया, जो उनकी जीत का बड़ा कारण बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आस्ट्रेलिया दौरे में इसको भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 20000 प्रवासी भारतियों के समारोह में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अलबनीज भी पहुंचे। इसका फायदा दोनों राष्ट्राध्यक्षों के मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन देशों में भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में रह रहा है। वहां पर उस समुदाय को एकत्रित कर वहां की राजनीति में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका में लाने का प्रयास किया है। उन देशों के प्रमुख राजनेताओं के बीच भारत की ताकत को प्रदर्शित करने का उन्होंने कोई मौका नहीं छोड़ा। निजी तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका सबसे बड़ा फायदा भारत में हुआ। विदेशों में उनकी लोकप्रियता शिखर पर है। इसका फायदा वह भारत में लेते हैं। मोदी की इस नीति के कारण, अमेरिका में प्रवासी भारतीयों को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योग्यता और दूरदर्शिता के मामले में बड़े बड़े कारोबारी भी ब्रांडिंग, और हर मौके पर किस तरह से आर्थिक एवं राजनैतिक फायदा उठाया जा सकता है। इसको लेकर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़े प्रभावित हैं। जिस तेजी के साथ अपने आप को बदलकर, अपने लिए नई अनुकूलता मोदी बना लेते हैं। बड़े बड़े कारोबारियों और राष्ट्राध्यक्षों के लिए भी आसान नहीं है। इस सफलता में मोदी के लिए भारतीय मीडिया भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों का लाभ लेने का जो तरीका मोदी ने अपनाया है। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इस ओर सोचा भी नहीं था।

 

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