Entertainment

कर्नाटक में सत्ता की साझेदारी को लेकर फिर से शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला

बेंगलुरू, 19 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कर्नाटक में सत्ता के साझेदारी को लेकर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के बीच फिर से आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो गया है।
राज्य के मंत्री एच.सी. महादेवप्पा और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई एवं सांसद डीके सुरेश के बीच इस मुद्दे पर टकराव के बाद यह मामला नये रूप में सामने आया। मैसूर में एक कार्यक्रम के दौरान श्री महादेवप्पा के श्री सिद्दारमैया के मुख्यमंत्री बने रहने संबंधी दावे पर श्री सुरेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन पर अपने विभाग से संबंधित काम पर ध्यान केंद्रित नहीं करने का आरोप लगाया।
श्री सुरेश ने कहा, “मुझे नहीं पता कि महादेवप्पा ने ऐसा बयान क्यों दिया। वह एक वरिष्ठ एवं परिपक्व नेता हैं तथा उनकी अपनी विचारधाराएं हैं। मुझे लगता है कि वह मंत्री के रूप में अपनी भूमिका पर ध्यान देने के बजाय अन्य चीजों पर बोलने के लिए अधिक उत्सुक हैं।”
दूसरी तरफ दावणगेरे में कर्नाटक् प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली यह कहते हुए मैदान में कूद पड़े कि श्री सिद्दारमैया और श्री शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण के किसी फॉर्मूले पर सहमति नहीं है। उन्होंने कहा, “सत्ता के बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यह पार्टी का फैसला भी है।”
संवाददाताओं के श्री सिद्दारमैया से इस संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने श्री महादेवप्पा से सवाल करने को कहा।
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता आर अशोक ने श्री शिवकुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना सपना ही रहेगा, क्योंकि सिद्दारमैया बहुत चतुर राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि सिद्दारमैया ने एचडी देवेगौड़ा एवं एचडी कुमारस्वामी को संभाला है तथा पांच साल तक सीएम के रूप में बने रहेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिद्दारमैया और शिवकुमार दोनों सड़क पर लड़ते रहेंगे जैसा कि राजस्थान में हो रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले श्री शिवकुमार के सहयोगियों ने पिछले महीने सत्ता-साझाकरण समझौते पर मंत्री एमबी पाटिल की बयानबाजी पर नाराजगी जतायी थी।
इस बीच पार्टी के अंदरुनी सूत्रों ने दावा किया है कि 21 जून को दिल्ली में आहूत बैठक में इस मुद्दे को उठाया जायेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के लिए कर्नाटक के मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। संभावना है कि आलाकमान मंत्रियों को सत्ता-साझाकरण समझौते पर कोई भी टिप्पणी करने से बाज आने तथा प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करने और 5-गारंटी को लागू करने के वादे को पूरा करने पर ध्यान देने के लिए कहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker