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प्रमुख शहरों में आवास की कीमतों में 6 फीसद की वृद्धि

नई दिल्ली, 11 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। आवासीय संपत्ति बाज़ार में मजबूत मांग आने से इस वर्ष अप्रैल से जून की अवधि में औसत 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई है।
ऑनलाइन रियल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनी प्रोपटाइगर डॉटकॉम द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दावा किया गया है। आवास की कीमतों में इस वृद्धि का श्रेय मजबूत माँग को दिया जा सकता है। कंपनी द्वारा जारी ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल – अप्रैल-जून 2023’ में यह बताया गया है कि अप्रैल से जून तक की अवधि के दौरान भारत के आठ प्रमुख शहरों में आवासीय संपत्तियों की भारांकित औसत कीमत 7,000-7,200 रुपये प्रति वर्गफुट तक पहुँच गया थी।
प्रोपटाइगर डॉटकॉम के कारोबारी प्रमुख विकास वाधवान ने कहा कि प्रमुख भारतीय शहरों में कोविड के बाद के वर्षों में आवासीय घरों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जहाँ पूँजी मूल्यों में इस उछाल से भारत के प्रमुख रियल एस्टेट बाज़ारों के प्रति निवेशक आकर्षित हो रहे हैं, वहीं मई से आपूर्ति में वृद्धि से कीमत में हल्की बढ़ोतरी हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम में व्यवसायिक संगठनों और बड़ी कंपनियों की ओर से माँग आ रही है। ग्रेड-ए वाणिज्यिक निर्माण के मामले में इस शहर का प्रभुत्व बना हुआ है जिसके कारण व्यवसायों के लिए प्रमुख पसंदीदा स्थल के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। गुरुग्राम में संपत्ति के बाज़ार में लग्ज़री और मध्य-बर्ग हाउसिंग, दोनों के लिए बढ़िया आकर्षण देखा गया है। गुरुग्राम में वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में वार्षिक भारंकित औसत संपत्ति कीमत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसने बेंगलुरु (9 प्रतिशत) और नोएडा (8 प्रतिशत) को पीछे छोड़ दिया है। माँग में वृद्धि दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की बेहतर सुविधाओं और बेहतर जीवनशैली की चाहत से प्रेरित है जो परम्परागत संपत्तियों से मुँह मोड़ रहे हैं। इसके अलावा, सीमित आपूर्ति के कारण भी कीमतों में तेजी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद में 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान कीमतों में 7 फीसद की वार्षिक वृद्धि देखी गई और यह 3,700-3,900 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुँच गई। बेंगलुरु में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और औसत कीमत 6,300-6,500 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुँच गई।
इसी तरह से चेन्नई में कीमतें 3 प्रतिशत बढ़कर 5,800-6,000 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुँच गई। दिल्ली-एनसीआर में 6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई और औसत कीमत 4,800-5,000 रुपये प्रति वर्गफुट पर रही। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गुरुग्राम में कीमतें 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 7,000-7,200 रुपये प्रति वर्गफुट हो गई तथा नोएडा में यह वृद्धि 8 प्रतिशत रही और दरें 5,600-5,800 रुपये प्रति वर्गफुट देखी गई।
हैदराबाद में 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ औसत कीमत 6,400-6,600 रुपये प्रति वर्गफुट और कोलकाता में 6 प्रतिशत वृद्धि के साथ 4,600-4,800 रुपये प्रति वर्गफुट पर पहुंचा गया। मुंबई और पुणे, जो दोनों ही महाराष्ट्र में प्रमुख संपत्ति बाज़ार हैं, हाउसिंग की कीमतें प्रत्येक में 3 प्रतिशत तक बढ़ गई। मुंबई का औसत मूल्य 10,100-10,300 रुपये प्रति वर्गफुट जबकि पुणे में दरें 5,600-5,800 रुपये प्रति वर्गफुट थीं।
श्री वधावन ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी और मॉर्गेज दरों में उछाल, इन दोनों के बावजूद आवासीय घरों के लिए मजबूत मांग बनी रही है। इसके अलावा, चूँकि आगामी महीनों में होम लोन की ब्याज दर स्थिर रहने या कम होने की भी संभावना है घरों के लिए माँग में वृद्धि होने की उम्मीद है।
अप्रैल-जून की अवधि में आठ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि देखी गई और बिके घरों की संख्या 80,250 यूनिट पर दर्ज हुई। बिक्री में वृद्धि की पीछे, विशेषकर मुंबई और पुणे में, घरों के लिए बढ़ी हुई माँग का योगदान माना जा सकता है। पिछले वर्ष इसी अवधि में शीर्ष आठ शहरों के प्राथमिक आवासीय बाज़ारों में बिक्री का आँकड़ा 74,320 यूनिट रहा था।

 

 

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