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कागज उद्योग ने पानी का इस्तेमाल 80 प्रतिशत कम किया : आईपीएमए

नई दिल्ली, 24 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। देश में कागज उद्योग ने पानी की खपत में 80 प्रतिशत की कटौती की है और वह इसमें और कमी लाने पर विचार कर रहा है। इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) सोमवार को यह जानकारी दी।

आईपीएमए ने कहा कि उद्योग ने पिछले कुछ साल में टिकाऊ या सतत उत्पादन प्रक्रियाओं में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

आईपीएमए ने बयान में कहा कि कई उद्योग के कारोबारियों ने अपने कार्बन और जल उत्सर्जन को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल उपाय किए हैं।

एक बयान में कहा गया है कि कंपनियों ने पानी और ऊर्जा दक्षता हासिल करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान को तैनात करने के अलावा खुद के लिए बिजली का उत्पादन किया है।

आईपीएमए के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा, ”एकीकृत पेपर मिलों ने एक टन कागज का उत्पादन करने के लिए पानी के उपयोग को पहले के 200 घनमीटर से घटाकर 40 घनमीटर कर दिया है। इसे और कम करने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है।”

अग्रवाल ने कहा, ”भारतीय कागज उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में टिकाऊ उत्पादन प्रक्रिया और क्षमता में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।”

अग्रवाल ने कहा कि कागज उद्योग ने बिजली की खपत कम कर दी है और एकीकृत संयंत्र पल्पिंग प्रक्रिया से बायोमास का उपयोग करके 40 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।

 

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