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उन्नत साझीदारी में बदलेंगे, भारत-ब्रुनेई द्विपक्षीय संबंध (राउंड अप)

बंदर सेरी बेगवान, (ब्रुनेई), 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारत एवं ब्रुनेई दारुस्सलाम ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत साझीदारी के स्तर तक ले जाने के इरादे के साथ रक्षा, व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों से लोगों के आदान-प्रदान तथा नई और उभरती प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति जतायी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यहां ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान के इस्ताना नुरुल ईमान में ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ बैठक में ये विचार विमर्श हुआ। श्री मोदी के सुल्तान के महल में पहुंचने पर सुल्तान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने सुल्तान को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि किसी भारतीय शासनाध्यक्ष की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की भारत की गहरी इच्छा को दर्शाती है। इस साल ब्रूनेई की आजादी की 40वीं वर्षगांठ है। सुल्तान के नेतृत्व में ब्रूनेई ने परंपरा और निरंतरता के लिए एक महत्वपूर्ण संगम के साथ प्रगति की है। ब्रूनेई के लिए उनका “वावासन 2035” विज़न सराहनीय है।
उन्होंने कहा, “गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए सुल्तान और पूरे शाही परिवार का मैं हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ। भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रूनेई की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। लेकिन यहाँ मिले अपनेपन से मुझे, हमारे दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों का एहसास हर पल हम अनुभव कर रहे हैं।”
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी यात्रा भारत की विगत 10 वर्षों से चली आ रही ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को ध्यान में रख कर आयोजित की गयी है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत साझीदारी तक ले जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “भारत और ब्रूनेई के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। इस साल हम अपने राजनयिक संबंधों की चालीसवीं सालगिरह मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने निर्णय लिया है कि अपने संबंधों को उन्नत साझीदारी का दर्जा देंगे। हमारी साझीदारी को रणनीतिक दिशा देने के लिए हमने सभी पहलूओं पर व्यापक चर्चा की।”
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों से लोगों के आदान-प्रदान सहित कई विषयों पर बातचीत की। वे आईसीटी, फिनटेक, साइबर सुरक्षा, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग का पता लगाने और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। श्री मोदी ने कहा, “ऊर्जा क्षेत्र में, हमने द्रवीकृत प्राकृतिक गैस में दीर्घकालिक सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए, हमने रक्षा उद्योग, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की संभावनाओं पर सकारात्मक विचार किये। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए हमने सेटेलाइट डवलपमेंट, रिमोट सेंसिंग और ट्रेनिंग पर सहमति बनाई है। दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी के लिए जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी।”
श्री मोदी ने कहा, “हमारे लोगों के बीच आपसी संबंध हमारी साझीदारी की नींव है। मुझे खुशी है कि भारतीय समुदाय ब्रूनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में सकारात्मक योगदान दे रहा है। कल भारतीय राजदूतावास के लोकार्पण से, भारतीय समुदाय को एक स्थायी पता मिला है। भारतीय समुदाय के कल्याण और हितों की देख-रेख के लिए, हम सुल्तान और उनकी सरकार के आभारी हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिन्द प्रशांत विज़न में ब्रूनेई एक महत्वपूर्ण साझीदार रहा है। भारत हमेशा आसियान केन्द्रीयता को प्राथमिकता देता आया है, और आगे भी देता रहेगा। हम संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानूनों पर संधि (यूएनक्लॉस) जैसे अंतराष्ट्रीय कानूनों के तहत नौवहन की स्वतंत्रता और वायु क्षेत्र में उड़ानों की आज़ादी का समर्थन करते हैं। हम सहमत है कि इस क्षेत्र में आचार संहिता पर सहमति बने। हम विस्तारवाद नहीं विकासवाद की नीति का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री और सुल्तान ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और राज्यों से इसे अस्वीकार करने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझीदारी को और मजबूत करने के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सुल्तान ने जलवायु परिवर्तन के लिए आसियान केंद्र की मेजबानी में ब्रुनेई दारुस्सलाम के प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की भी सराहना की।
दोनों नेता विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ब्रुनेई के परिवहन और सूचना संचार मंत्री पेंगिरन दातो शम्हारी पेंगिरन दातो मुस्तफा द्वारा सैटेलाइट और प्रक्षेपणयानों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन के संचालन में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान के गवाह बने। उन्होंने बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी उड़ान कनेक्शन की आगामी शुरुआत का स्वागत किया। बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया। सुल्तान ने प्रधान मंत्री के सम्मान में एक आधिकारिक दोपहर के भोज का आयोजन किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच आज की चर्चा से भारत-ब्रुनेई द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री ने ब्रुनेई के सुल्तान को भारत आने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिन्द प्रशांत को लेकर भारत के विज़न को बल देगी।

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