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दिल्ली समेत उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड जारी, बारिश के साथ बर्फबारी का अनुमान

नई दिल्ली, 20 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों समेत उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आनेवाले कुछ दिनों में इसके बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिसकी वजह से पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हो सकती है जिसकी वजह से अगले 3 दिनों में उत्तर-पश्चिमी भारत के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की जाएगी। इससे ठंड और बढ़ेगी। 26 जनवरी से सर्दी के बढ़ने की ज्यादा संभावना जताई जा रही है।

मौसम वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। ऐसे में 22 से 24 जनवरी तक बारिश के साथ ही बर्फबारी भी हो सकती है। इसका असर मैदानी क्षेत्र में भी दिखाई देगा। बुधवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया।

दिल्ली में ठडी हवाएं जारी हैं। राजधानी में 22 जनवरी को घना कोहरा वापसी कर सकता है, लेकिन हवाओं की गति कम होने की वजह से ठंड से आंशिक तौर पर राहत मिलेगी। 23 जनवरी को एक बार फिर 20 से 25 किलोमीटर की गति से हवाएं चलेंगी। इस दौरान तापमान भी बढ़कर 20 से 21 डिग्री तक रहने की संभावना है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 7 से 8 डिग्री रहेगा। लेकिन 24 जनवरी से एक बार फिर ठंड बढ़नी शुरू हो जाएगी। अधिकतम तापमान 18 और न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री पर सिमट सकता है। 26 जनवरी तक ठंड का प्रकोप इसी कदर बढ़ता रहेगा। रात के अलावा दिन में भी शीतलहर का प्रकोप हो सकता है।

राज्य के कानपुर में शीतलहर जारी है। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, ‘बहुत ठंड है, ठंड से बचने के लिए हम लोग आग जला रहे हैं।’ मौसम विभाग के अनुसार कानपुर में आज न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहेगा। आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, इस हफ्ते पारे में उतार चढ़ाव जारी रहेगा। गुरुवार को भी शहर में सुबह मध्यम से घना कोहरा छाएगा और दोपहर बाद धूप खिलेगी। हवा की गति बढ़ते ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का मीटर डाउन हो गया, इसके बावजूद दोनों शहर पूरे दिन लाल घेरे में रहे। मौसम विज्ञानी के अनुसार शुक्रवार तक हवा की स्पीड 15 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बने रहने के आसार हैं।

अमृतसर में आज सुबह कोहरा छाए रहने की वजह से विजिबिलिटी कम हुई। मौसम विभाग के अनुसार अमृतसर में अभी तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस है। हरियाणा के अंबाला में कोहरा छाए रहने के साथ ठंडी हवाएं चल रही है। मौसम विभाग के अनुसार अंबाला में आज न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहेगा। मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार सुबह कोहरा छाया रहेगा और उसके बाद आगामी दिनों में कोहरे के साथ सर्दी से राहत रहेगी। सुबह-शाम मौसम का मिजाज सर्द बना रहेगा। विभाग ने बताया कि चंड़ीगढ़, अंबाला, हिसार, अमृतसर, करनाल, भिवानी, लुधियाना, पटियाला, फरीदकोट और बठिंडा सहित कई स्थानों पर कोहरे की वजह से दृश्यता का स्तर कम रहा।

बिहारः मुजफ्फरपुर में कोहरा छाए रहने की वजह से विजिबिलिटी कम हुई। मौसम विभाग के अनुसार मुजफ्फरपुर में अभी तापमान 13.01 डिग्री सेल्सियस है। मौसम विभाग के अनुसार पटना सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में रात से सुबह तक मध्यम से घना कोहरा होगा। राज्य में पिछले दो दिनों से बंगाल की खाड़ी से सिक्किम होते हुए ठंडी हवाएं प्रवेश कर रही थी। साथ ही उत्तर-पश्चिमी हवा भी आ रही है, जिसकी वजह से मौसम में कंपकंपी बढ़ गई है।

राजस्थान में सर्दी के सितम के बीच रात के न्यनूतम तापमान में मामूली बढोतरी हुई है। मौसम विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। विभाग ने राज्य के अनेक इलाकों में अभी कोहरा छाये रहने का अनुमान व्यक्त किया है। मौसम विभाग के अनुसार बीते चैबीस घंटे में राज्य के अनेक इलाकों में रात के न्यनूतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गयी। बीती मंगलवार रात पिलानी में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बीते चैबीस घंटे में गंगानगर में अधिकतम तापमान भी 12.4 डिग्री रहा जो सबसे कम है।

कश्मीर घाटी में बुधवार को भी लोगों को कड़ाके की सर्दी से कुछ खास राहत नहीं मिल पाई क्योंकि कई हिस्सों में तापमान जीरो से कई डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान जीरो से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कश्मीर अभी चिल्लई-कलां की चपेट में है। यह 40 दिन की अवधि है, जिसमें कड़ाके की सर्दी पड़ती है और घाटी शीत लहर की चपेट में होती है तथा तापमान जीरो से कई डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। इस अवधि में बर्फबारी की संभावना खास तौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक होती है। चिल्लई कलां 31 जनवरी को खत्म होगा।

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