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महामंडलेश्वर पद से हटाई गईं ममता कुलकर्णी, किन्नर अखाड़े में उठा सियासी तूफान!

प्रयागराज | बॉलीवुड अभिनेत्री से संन्यासी बनी ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े में प्रवेश जितना सनसनीखेज था, उससे भी ज्यादा नाटकीय अंदाज में उनका निष्कासन हुआ है। महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद अखाड़े में शुरू हुए विरोध और विवाद के बीच आखिरकार उन्हें पद से हटा दिया गया। यही नहीं, किन्नर अखाड़े की प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है।

संन्यास से महामंडलेश्वर तक, फिर निष्कासन तक…

बॉलीवुड छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाने वाली ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज में संन्यास की दीक्षा ली थी। इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया, लेकिन इस फैसले पर अखाड़े के अंदर ही विरोध शुरू हो गया। कुछ संतों और अखाड़े के वरिष्ठ सदस्यों ने इसे परंपराओं के खिलाफ बताया और अंदरूनी कलह बढ़ती गई।

अखाड़े में फूटा असंतोष, ऋषि अजय दास ने लिया बड़ा फैसला

लगातार विवादों को देखते हुए किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कड़ा कदम उठाते हुए ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया और दोनों को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया।

आखिर क्यों हुआ इतना बड़ा विवाद?

ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना अखाड़े के कई संतों को स्वीकार नहीं था।

किन्नर अखाड़े में नेतृत्व को लेकर लंबे समय से मतभेद चल रहे थे।

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी कई फैसलों को लेकर नाराजगी थी।

अखाड़े के अंदर गुटबाजी बढ़ने लगी थी, जिससे संगठित व्यवस्था प्रभावित हो रही थी।

फिलहाल, अखाड़े के इस बड़े घटनाक्रम ने आध्यात्मिक जगत के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।

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