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जेएनयू राजद्रोह मामलाः अदालत ने कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया

नई दिल्ली, 16 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली की एक अदालत ने 2016 के राजद्रोह मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और 15 मार्च को उन्हें तलब किया है। अदालत के सूत्रों ने बताया कि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पंकज शर्मा ने दिल्ली पुलिस को मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के करीब एक साल बाद सोमवार को आरोप पत्र का संज्ञान लिया। कुमार के अलावा मामले के आरोपियों में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल हैं। उन पर भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप है। मामले में जिन सात अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है उनमें कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट और बशारत शामिल हैं। उनमें से कुछ जेएनयू, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र हैं। भाकपा नेता डी राजा की बेटी अपराजिता, शेहला रशीद (तत्कालीन जेएनयूएसयू उपाध्यक्ष), रमा नागा, आशुतोष कुमार, बनोज्योत्सना लाहिड़ी (सभी जेएनयू के पूर्व छात्र) समेत 36 अन्य के नाम आरोप पत्र के 12वें कॉलम में हैं, क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 471 (फर्जी कागज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का वास्तविक की तरह इस्तेमाल करना), 143 (अवैध सभा का हिस्सा होना के लिए दंड), 149 (अवैध सभा का हिस्सा होना), 147 (दंगा करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं। भाजपा के तत्कालीन सांसद महेश गिरी और आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत पर 11 फरवरी 2016 को वसंत कुंज (उत्तर) थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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