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एम्स में कैंसर से प्रभावित स्तन के ऊतकों की पहचान करने के लिए इमेजिंग तकनीक शुरू

नई दिल्ली, 28 जुलाई (सक्षम भारत)।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हाल ही में स्तन कैंसर से प्रभावित ऊतकों की आसान पहचान के लिए एक अत्याधुनिक फ्लोरेसेन्स इमेजिंग तकनीक शुरू की गई है। एम्स में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एस वी एस देव के अनुसार, स्तन कैंसर की सर्जरी के क्षेत्र में यह प्रौद्योगिकी एक गेम चेंजर साबित होगी क्योंकि यह सटीक रूप से प्रासंगिक ऊतक की पहचान करने में मदद करती है। स्तन कैंसर की सर्जरी के दौरान, डॉक्टर रोगियों में एक सुरक्षित और सस्ती इंडोसायनीन ग्रीन (आईसीजी) डाई इंजेक्ट करते हैं। फ्लोरेसेन्स इमेजिंग तकनीक का उपयोग करते हुए, सर्जन रक्त वाहिकाओं, सूक्ष्म वाहिकाओं, ऊतकों और महत्वपूर्ण शारीरिक संरचनाओं में अंतःक्रियात्मक रूप से रक्त प्रवाह देख सकते हैं। उन्होंने कहा, प्रासंगिक ऊतक फ्लोरोसेंट हरे रंग में प्रकाशित होते हैं। वर्तमान में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों जैसे नीले डाई की तुलना में इमेजिंग की विश्वसनीयता और कई अनुप्रयोग एक महत्वपूर्ण अंतर पैदा करता है।

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