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दूसरी लहर को कर लिया कंट्रोल तो बढ़ती रहेगी अर्थव्यवस्था

-अशोक भाटिया-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

देशभर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और हर रोज संक्रमण के नए मामले रिकॉर्ड तोड़ने में लगे हुए हैं ।एक बार फिर पूरे देश से सामने आए कोरोना के नए मामलों के आंकड़ों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. भारत के एक दर्जन से ज्यादा राज्य कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं, जिसे लेकर लोगों से लगातार एहतियात बरतने की अपील की जा रही है । महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़ और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना के मामलों में हर रोज इजाफा हो रहा है ।जिससे आम आदमी डरकर खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा है। पिछले कुछ महीनों से कोरोना को लेकर देश में गंभीर लापरवाही देखी जा रही है। जिसका नतीजा है कि इन दिनों कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी होने लगी है। महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कई प्रदेशों में तो कोरोना संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ने लगी है। पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान लगी पाबंदियों को सरकार ने धीरे-धीरे समाप्त कर दिया था। मगर पाबंदी हटाने के उपरांत भी सरकार गाइडलाइन जारी कर लोगों को सचेत करती रहती है। सरकार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने, लगातार मास्क लगाने व एक स्थान पर निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के एकत्रित नहीं होने की सलाह देती रही है। मगर लोग लॉकडाउन हटने के साथ ही देश को कोरोना मुक्त समझ कर सरकारी निर्देशों की अवहेलना करने लगे। उसी का नतीजा है कि आज हमें कोरोना की तीसरी लहर देखने को मिल रही है।
देश के पांच राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव हो रहे हैं। जहां नेताओं द्वारा भारी भीड़ जुटाकर बड़ी-बड़ी जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है। बहुत से प्रदेशों में नगरीय निकाय व पंचायती राज के चुनाव संपन्न हुए हैं। वहां भी कोरोना गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। रेलों, बसों में खचाखच सवारियां भरकर सफर किया जा रहा है। बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है। शादी विवाह व अन्य धार्मिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक समारोह में बड़ी संख्या में लोग एक स्थान पर एकत्रित हो रहे हैं, जिससे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है।
देश में आमजन को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। मगर उसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि हर देशवासी को कोरोना की वैक्सीन लगाने में वर्षों लग जाएंगे। 16 जनवरी से देश में कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी। ढाई माह बीत जाने के बाद अब तकरीबन 6 करोड़ लोगों को ही कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लग पाई है। कोरोना वैक्सीन लगाने में भी सरकार द्वारा कई तरह की बंदिशें लगाई गई हैं। जिस कारण देश के हर व्यक्ति को कोरोना से बचाव का टीका नहीं लग पाया है। कम आयु के लोग कोरोना के बड़े स्प्रेडर हैं क्योंकि उनके द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर अधिक यात्राएं की जाती हैं। देश में अब तक करीब 1.21 करोड़ लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। करीब 1.14 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। 1.62 लाख लोगों ने जान गंवाई है और लगभग 5.48 लाख लोगों का इलाज चल रहा है।
लोगों की लापरवाही देखते हुए अब लड़ाई कोरोना वैक्सीनेशन और वायरस के बीच है। वायरस से मुकाबला अब केवल वैक्सीनेशन से ही हो सकता है। कोरोना की दूसरी लहर से चिंतित केन्द्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में कान्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाई जाए और दो सप्ताह में वैक्सीनेशन कवरेज को सौ फीसदी किया जाए। कोरोना से प्रभावित दस जिलों में 8 महाराष्ट्र के हैं और दिल्ली का एक जिला भी इस सूची में शामिल है। आज से 45 वर्ष से ऊपर वाले सभी लोगों को टीका लगाने का काम शुरू हो गया है। बहुत से लोगों को लगता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ गई है, अब सब कुछ ठीक हो गया है, लोगों ने कोरोना को गम्भीरता से लेना छोड़ दिया है। तभी तो सुपर स्प्रेडर इवेन्ट्स हो रहे हैं। अब तक 6 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है और लगभग एक करोड़ लोगों को दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। आबादी के बड़े हिस्से को टीका मिलने में अभी काफी समय लग सकता है। वैक्सीन हमारे देश के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि है लेकिन वैक्सीन आने के बाद संक्रमण दर में बढ़ौतरी से सरकारों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। इसलिए जरूरी है, जो जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं, वह सबसे पहले प्रत्येक को वैक्सीनेशन करने का अभियान युद्ध स्तर पर चलाना होगा। यह काम भी प्रशासन को एक पखवाड़े के भीतर करना होगा। देशवासियों को अपने जीवन की रक्षा और बीमार होने से बचने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की भी चिंता करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन और विशेषज्ञ डाक्टर टीकाकरण की गति तेज करने का आह्वान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री लगातार संदेश दे रहे हैं कि लोगों को टीकाकरण अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। कुछ रिपोर्टों में कोरोना की दूसरी लहर के मई तक जारी रहने की बात कही गई है। वायरस के नए स्पो से भी महामारी घातक हो सकती है। इस समय पूरा देश जोखिम में है, ऐसे में किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर लोगों ने कोरोना से लड़ाई में सहयोग नहीं दिया तो फिर देश एक बार फिर लॉकडाउन में फंस जाएगा। पंजाब और मध्य प्रदेश में स्कूल खुलने की उम्मीद थी लेकिन स्थितियां बदतर होने पर दोनों राज्यों ने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। पंजाब में तो कोरोना के पर्याप्त टेस्ट ही नहीं हो रहे। अच्छा यही होगा कि लोग स्वयं टीका लगवाने के लिए आएं और इस अभियान को और तेज किया जाए।
अगर मई महीने तक इस दूसरी लहर को कंट्रोल कर लिया गया तो अर्थव्यवस्था अपनी रफ्तार के साथ आगे बढ़ती रहेगी । इसी को लेकर देश में कोरोना से निपटने के लिए चलाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में और तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं और आज से वैक्सीनेशन ड्राइव का तीसरा चरण शुरू हो चुका है, जिसके तहत आज 1 अप्रैल से देशभर में 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन देने का कार्यक्रम शुरू किया गया है । इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना की ये दूसरी लहर मई के अंत तक खत्म हो जाएगी ।

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