Business

एनसीएलएटी ने स्टर्लिंग बायोटेक को उसके परिसर से हटाने पर रोक लगाई

नई दिल्ली, 04 अगस्त (सक्षम भारत)। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने स्टर्लिंग बायोटेक को उसके परिसर से हटाने पर रोक लगा दी है। स्टर्लिंग बायोटक अभी दिवाला प्रक्रिया में है इस लिहाज से उसपर स्थगन की स्थिति है। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के आदेश को उचित ठहराया है। मुंबई पीठ ने स्टर्लिंग बायोटेक की वित्तीय ऋणदाता श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से लक्ष्मी टावर्स की ए और बी विंग का कब्जा उसे सौंपने को कहा है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि स्टर्लिंग बायोटेक परिसमापन प्रक्रिया के तहत है और वह उस परिसर की मालिक नहीं है, लेकिन रोक की अवधि के दौरान उसे परिसर से नहीं हटाया जा सकता क्योंकि कंपनी को चालू हालत में बनाए रखना जरूरी है। न्यायाधिकरण ने कहा है कि जहां तक इस सवाल की बात है कि लक्ष्मी टावर के ए और बी खंड परिसर का स्वामित्व किसके पास है और क्या अपीलकर्ता का इस संपत्ति पर कोई अधिकार है? इस तरह के सवालों का दिवाला एवं रिणशोधन अक्षमता संहिता के तहत निर्णय करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। एनसीएलएटी ने यह भी कहा कि परिसमापन प्रक्रिया के दौरान यदि स्टर्लिंग बायोटेक को बचा लिया जाता है या फिर इसे किसी तीसरे पक्ष को बेच दिया जाता है तब ऐसी स्थिति में इस मामले को उपयुक्त फैसले के लिये सक्षम अदालत के समक्ष उठाया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker