
नागपुर, 17 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उग्रवादी फिलिस्तीनी संघटन हम्मास और इजरायल के बीच संघर्ष के मामले में दुनिया दो वैचारिक धड़ों में बटंती नजर आ रही है। ऐसे माहौल में भी तटस्थ भारत और इजरायल की दोस्ती विशेष महत्त्व रखती है। विशेषज्ञ याद करते हैं कि इस दोस्ती की आधारशिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रखी है। भारतीय आजादी के नौ महीने बाद इसरायल भी एक देश के रूप में उदित हुआ था। बीते 73 साल से इजरायल और भारत की दोस्ती में वैचारिक समर्थन और स्नेह का योगदान है। इन दोनों देशों के बीच आपसी स्नेह और विश्वास बढ़ने की वजह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही है। संघ से जुड़े वरिष्ठ प्रचारक हरि नारायण पालकर ने इसरायल के इतिहास पर किताब लिखी है। पालकर की किताब से प्रभावित हो कर इजरायल ने अपने यहां एक सड़क को पालकर का नाम दिया था। इस बारे में विस्तार से जानकारी साझा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुधीर पाठक ने बताया कि, अपनी मातृभूमि से दूर होने के बावजूद पूरी दुनिया में फैले ‘ज्यू लोग’ प्रतिवर्ष यह निश्चिय करते थे कि, उनका अगला नया साल मातृभूमि इजरायल में मनाया जाएगा। प्रतिकूल परिस्थितियो में ज्यू लोगों ने सामूहिक प्रयासों से अपना खुद का देश खड़ा किया। इजरायल की सोच और संघ की विचारधारा में बहुत समानताएं हैं। बतौर पाठक, महाराष्ट्र प्रांत में संघ के तत्कालीन कार्यवाह नाना पालकर ने ज्यू लोगों के इतिहास पर “छल से बल की ओर” यह किताब लिखी। किसी भी राष्ट्र की अवधारणा में केवल जमीन के टुकड़े की अहमियत नहीं होती। बल्कि राष्ट्रवाद लोगों के दिल में जिंदा होना चाहिए। यह नया फलसफा श्री पालकर ने अपनी किताब के जरिए दुनिया के सामने रखा। पाठक ने बताया कि, इजरायली लोगों को जब इस किताब के बारे में पता चला तो भारत के इजरायली दूतावास के एक अफसर नाना पालकर को खोजते हुए मुंबई स्थित संघ कार्यालय जा पहुंचे। लेकिन तब तक नाना पालकर का निधन हो चुका था। पाठक ने कहा कि, नाना पालकर द्वारा लिखी किताब की प्रतियां अपने साथ लिए इजरायली राजदूत को बैरंग लौटना पड़ा। लेकिन इजरायल सरकार ने अपने एक स्थानीय मार्ग को स्वर्गीय पालकर का नाम दे कर उनके कार्य का उचित सम्मान किया। पालकर स्मृति समिति नाना पालकर के कार्य को आगे बढाने के लिए नाना पलकर स्मृति समिति की स्थापना की गई। मरीजों की सेवा को ईश्वरकी सेवा मान कर काम करने वाली यह संस्था बीते 5 दशकों से निरंतर रूप से मरीजों की सेवा में जुटी है। इस समिति के जरिए गरीब और जरूरतमंद मरीजों को कम दरों पर और निःशुल्क सेवा मुहय्या कराई जाती है। समिति के सेवा कार्यो से निरंतर रूप से लोग लाभान्वित हो रहे हैं।