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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में है वैश्विक कल्याण का मंत्र: धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, 24 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वीं सदी में भारत की नई पीढ़ी को तैयार करेगी, जिनके नेतृत्व में वैश्विक कल्याण होगा। श्री प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के एक वर्ष की उपलब्धियों पर तैयार पुस्तिका का विमोचन करने के बाद आज कहा कि पिछले एक साल एक महीने की उपलब्धियों को देखकर आत्मविश्वास बढ़ता है। पिछले चार पांच साल में शिक्षा मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ऐसा दृष्टिकोण अपनाया है जिससे सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास बहाल हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तिका में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की उपलब्धियों का आंकड़ा प्राप्ति करने का मसौदा नहीं है बल्कि 21वीं सदी में भारत भारत के नेतृत्व में विश्व कल्याण हो ऐसा मसौदा है। इसमें ज्ञान के माध्यम से चरित्र निर्माण और चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना है जो सदियों से भारत की परंपरा में रही है। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका का विमोचन करने के अलावा निपुण भारत मिशन, वर्चुअल लाइव क्लासरूम और वर्चुअल लैब के माध्यम से एक उन्नत डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए एनआईओएस का वर्चुअल स्कूल, और एनसीईआरटी का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर 2021-22 को लांच किया। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए एनसीईआरटी द्वारा विकसित कॉमिक बुक ‘प्रिया’ का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि सरकार का दो साल में हर स्कूल में इंटरनेट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब स्कूलों में बिजली पानी इनटरनेट समेत समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी तब डिजिटलीकरण बढ़ेगा और छात्रों को वैश्विक स्तर पर तैयार करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी स्तरों पर संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की कल्पना की गई है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एनईपी 2020 को एक मिशन मोड पर लागू किया है और एनईपी के कार्यान्वयन के लिए ‘सार्थक’ नामक एक लचीली, संवादात्मक, सांकेतिक और समावेशी योजना तैयार की है। विभाग ने इस एक वर्ष में 62 अहम पड़ाव पार किए हैं, जो स्कूली शिक्षा क्षेत्र की तस्वीर बदल देंगे। इनमें निपुन भारत मिशन ऑन फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी, समग्र शिक्षा योजना को एनईपी 2020 के अनुरूप ढालना, तीन महीने का स्कूल तैयारी मॉड्यूलदृ’विद्या प्रवेश’, नेशनल डिजिटल एडुकेशन आर्किटेक्चर (एनडीईएआर) का ब्लू प्रिंट, ‘निष्ठा’ के तहत माध्यमिक शिक्षकों की क्षमता का निर्माण, मूल्यांकन सुधार, ‘दीक्षा’ से जुड़ी डिजिटल सामग्रीआदि शामिल हैं। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकरी गण के अलावा सभी राज्यों के शिक्षा सचिव और शिक्षा विद भी शामिल हुए।

 

 

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