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अदालत ने वाड्रा को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया

नई दिल्ली, 21 अगस्त (ऐजेंसी सक्षम भारत)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कारोबारी राबर्ट वाड्रा को उनकी याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जवाब पर प्रत्युत्तर दायर करने के लिए बुधवार को चार हफ्ते का समय दिया। वाड्रा ने अपनी याचिका में धनशोधन निवारण कानून के कुछ प्रावधानों को रद्द करने की मांग की है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 18 नवंबर को सूचीबद्ध किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति वाड्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने ईडी के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय की मांग की थी और कहा था कि दस्तावेज लगभग तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी ने दावा किया कि वाड्रा ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में कुछ तथ्यों को दबा दिया। हालांकि उनकी ओर से कोई तथ्य नहीं छिपाया गया है। तुलसी ने कहा, वे ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) की प्रति नहीं देते हैं और फिर कहते हैं कि मैंने तथ्यों को दबा दिया है। उन्होंने मुझे अदालत के आदेश के बाद ही ईसीआईआर की प्रति मुहैया करायीं। मेरी जानकारी में जो तथ्य थे, मैंने उन सभी तथ्यों का खुलासा किया है। मेरी ओर से कोई तथ्य नहीं दबाया गया है। वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा ने भी धनशोधन मामले को रद्द करने की मांग की है। वाड्रा पर लंदन स्थित ब्रायनस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड में एक संपत्ति खरीदने का आरोप है। इस मामले की जांच धनशोधन निवारण कानून के प्रावधानों के तहत की जा रही है। वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटेलिटी एलएलपी के कर्मचारी रहे अरोड़ा मामले में सह-आरोपी हैं।

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