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आजादी से पहले के विविध प्रतिष्ठित ब्रांड की मूल कहानियां बताती एक किताब

नई दिल्ली, 12 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। एक नई किताब में भारतीय उपमहाद्वीप में आजादी से पहले के कई ब्रांड की सफलताओं और विफलताओं के पीछे के कारणों की पड़ताल की गई है। इसमें उपभोक्ता वस्तुओं से लेकर उपभोग्य सामग्रियों तक, घरेलू उपयोगिताओं के सामान से लेकर प्रसाधन सामग्री और भारी उद्योगों से लेकर चिकित्सा आपूर्ति तक के बारे में जानकारी दी गई है।

हैचेट इंडिया द्वारा प्रकाशित ‘‘ब्रांडेड इन हिस्ट्रीः फ्रेश मार्केटिंग लेसन्स फ्रॉम विंटेज ब्रांड्स’’, लेखक-फिल्म निर्माता राम्या राममूर्ति द्वारा लिखी गई है। यह किताब ‘‘हमारे द्वारा उपभोग किए गए ब्रांड के माध्यम से हमारे देश के इतिहास की अवधि की पड़ताल’’ का दावा करती है।

पुस्तक में पाठकों को बताया गया है कि 1847 और 1947 के बीच कैसे विविध औपनिवेशिक भारतीय घरेलू और विदेशी ब्रांड का ‘‘उत्पादन, वितरण और विपणन किया गया था। यह वो समय था जब ब्रांड की अवधारणा अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी।’’

एक वक्तव्य में बताया गया कि किताब में ‘‘लक्स साबुन, जबाकुसुम तेल, वुडवर्ड ग्राइप वॉटर, एटलस साइकिल, डालडा’’ आदि ब्रांड का विवरण है।

इस 296 पन्नों वाली पुस्तक की कीमत 499 रुपये है। यह फिलहाल ऑफलाइन और ऑनलाइन स्टोर पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।

 

 

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