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अमेजन- फ्यूचर मामलाः शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त किया

नई दिल्ली, 01 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन आदेशों को मंगलवार को निरस्त कर दिया। इन आदेशों में वह आदेश भी शामिल है, जिसमें 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोकने वाले मध्यस्थ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने फ्यूचर ग्रुप को बड़ी राहत देते हुए उच्च न्यायालय के पिछले साल दो फरवरी के आदेश को खारिज कर दिया, जिसके जरिए उसने एफआरएल को विलय सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।

पीठ ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर मध्यस्थ के फैसले संबंधी फ्यूचर ग्रुप कंपनियों की याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय के पास वापस भेज दिया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम दो फरवरी, 2021 और 18 मार्च, 2021 के आदेशों और 29 अक्टूबर, 2021 के आदेश को रद्द करते हैं। हम (उच्च न्यायालय के) विद्वान न्यायाधीश को निर्देश देते हैं कि वह इस मामले पर विचार करें और टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना गुण-दोष के आधार पर आदेश पारित करें।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करेंगे कि वह इस मामले के शीघ्र निपटान के लिए एक पीठ का गठन करें।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने अपने एक आपात निर्णय (ईए) में फ्यूचर समूह को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे को लेकर आगे बढ़ने से रोक कर अमेरिकी कंपनी अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस आपात अवार्ड (ईए) को अक्टूबर 2021 में मध्यस्थ के अंतिम फैसले में बरकरार रखा गया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 18 मार्च के अन्य आदेश में आपात निर्णय (ईए) को बरकरार रखा था और उसने फ्यूचर ग्रुप और उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था। उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च के इस आदेश को भी खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत ने 29 अक्टूबर, 2021 के आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें एसआईएसी के आपात निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के एक मध्यस्थ अधिकरण के आदेश पर रोक लगाने से उच्च न्यायालय से मना कर दिया था।

अमेरिका की ई-कॉर्म्स कंपनी अमेजन रिलायंस रिटेल और एफआरएल के 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे के साथ आगे बढ़ने के फ्यूचर समूह के फैसले का विरोध कर रही है।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने अपने आपात निर्णय (ईए) में फ्यूचर समूह को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे को लेकर आगे बढ़ने से रोक कर अमेरिकी कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। ईए को अक्टूबर 2021 में मध्यस्थ के अंतिम फैसले में बरकरार रखा गया था।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर फ्यूचर समूह की याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा।

 

 

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