
नई दिल्ली, 08 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में यूरिया का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ इसका दुरुपयोग रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से खोला जा रहा है। सरकार ने गोरखपुर और बरौनी सहित पांच संयंत्रों का चयन किया है। इन संयंत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिक लगायी जा रही है। गोरखपुर संयंत्र का उत्पादन शुरु हो गया है। बरौनी संयंत्र में उत्पादन जून तक आरंभ हो जाएगा।
मंत्रालय में राज्य मंत्री भगवंत खूबा ने कहा कि नीम लेपित यूरिया का दुरुपयोग रोका जा रहा है। अधिक यूरिया खरीदने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है।
श्री मांडविया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूरिया के कच्चे माल, डीएपी और फास्फोरिक के दामों में वृद्धि हो रही है। डीएपी के दाम 350 डालर से 900 डालर प्रति टन हो गये हैं लेकिन सरकार ने इसका भार किसानों पर नहीं डाला है। यूरिया के प्रति बैग पर 2500 रुपए प्रति और डीएपी के प्रति बैग पर 1650 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में प्रति वर्ष 75 लाख टन कच्चा माल आयात करना पड़ता है।