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भारतीय बैंकों, मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा बनाने की जरूरत : मोदी

नई दिल्ली, 06 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के बैंकों और मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने वित्तीय संस्थानों से आह्वान किया कि वे अच्छी वित्तीय और कॉरपोरेट प्रशासन प्रथाओं को लगातार प्रोत्साहित करें। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के ‘अनुप्रतीकात्मक सप्ताह’ (आइकॉनिक वीक) समारोह का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत ने विभिन्न वित्तीय समावेशन मंच विकसित किए हैं और इनके बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘इन वित्तीय समावेशन समाधानों का विश्व स्तर पर विस्तार करने के प्रयास होने चाहिए।’ इस मौके पर उन्होंने जन समर्थ पोर्टल की शुरुआत भी की, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के लिए 12 सरकारी योजनाओं को एक मंच पर लाकर उन तक पहुंच को डिजिटल माध्यमों से और आसान व सरल बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे घरेलू बैंकों, मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कैसे बनाया जाए, इस पर ध्यान देना जरूरी है।’ मोदी ने कहा कि जन केंद्रित शासन और सुशासन की दिशा में निरंतर प्रयास पिछले आठ वर्षों की पहचान है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि इस दौरान स्थायी आवास, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज से गरीबों को वह सम्मान मिला, जिसके वे हकदार हैं।

 

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