GlobelNational

पूर्व न्यायाधीश ढींगरा, अन्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने से एजी का इनकार

नई दिल्ली, 14 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा के बारे में की गई उच्चतम न्यायालय की मौखिक टिप्पणियों की आलोचना करने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस.एन. ढींगरा और दो अन्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

अधिवक्ता सी.आर. जय सुकिन ने वेणुगोपाल को पत्र लिखकर ढींगरा, पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी और वरिष्ठ अधिवक्ता के. रामा कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी, जिन्होंने नुपुर शर्मा मामले में की गई उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को कथित तौर पर ”गैर जिम्मेदाराना, गैर-जरूरी और गलत” बताया था।

वेणुगोपाल ने कहा कि तीनों लोगों के द्वारा दिए गए बयान न तो अवमानना वाले थे और न ही उनसे न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप की कोई आशंका थी।

अटॉर्नी जनरल ने एक पत्र में कहा, ”मैंने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एस.एन ढींगरा, अमन लेखी और वरिष्ठ अधिवक्ता के. रामा कुमार के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगने के आपके अनुरोध पर गौर किया। मैंने पाया कि तीन व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान उच्चतम न्यायालय की अवमानना के दायरे में नहीं आते हैं।”

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.बी. पार्दीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी को लेकर एक जुलाई को नुपुर शर्मा से नाखुशी जताते हुए कहा था कि उनकी ”बदजुबानी” के कारण ”पूरे देश में आग लग गई है” और ”देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए वह अकेली जिम्मेदार हैं।”

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker