GlobelNational

ऐसा कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं जिसमें ‘सेंगोल’ को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया गया हो : कांग्रेस

नई दिल्ली, 26 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘राजदंड’ (सेंगोल) को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी वाह-वाह करने वाले लोग इस रस्मी ‘राजदण्ड’ को तमिलनाडु में राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पवित्र ‘राजदंड’ को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई ‘सोने की छड़ी’ कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की।

चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले इस ऐतिहासिक ‘राजदंड’ को 28 मई को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये संसद भवन का लोकार्पण किया जाएगा।

रमेश ने ट्वीट किया, ‘क्या यह कोई हैरानी की बात है कि नए संसद भवन को व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के फर्जी विमर्श से सुशोभित किया जा रहा है? भाजपा /आरएसएस का इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का रुख एक बार फिर ‘अधिकतम दावा, न्यूनतम साक्ष्य’ के साथ बेनकाब हो गया है।’

उन्होंने कहा, ‘राजदंड की परिकल्पना तत्कालीन मद्रास में एक धार्मिक प्रतिष्ठान ने की थी और इसे मद्रास शहर में तैयार किया गया था। इसे अगस्त 1945 में जवाहर लाल नेहरू को प्रस्तुत किया गया था।

उन्होंने दावा किया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘राजदंड’ को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker