राजस्व कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी ने कसी कमर
लखनऊ।
कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों, सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों, प्रमाण पत्रों के वितरण, और IGRS से जुड़े मामलों पर गहन समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने तहसीलों में सुधार के लिए निर्देश जारी करते हुए सभी अपर जिलाधिकारियों को अलग-अलग तहसीलों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने निर्देश दिया कि 1 वर्ष से अधिक पुराने मुकदमों की फाइलें निकाली जाएं और 15 दिनों के भीतर इनके निस्तारण की प्रक्रिया पूरी की जाए। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि कोई भी मामला बिना सुनवाई के निस्तारित न हो।
ई-ऑफिस प्रणाली के तहत तहसील कार्यों को डिजिटल रूप देने की तैयारी की जा रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि तहसील स्तर पर नायब तहसीलदार, तहसीलदार और पेशकार को लैपटॉप और डेस्कटॉप उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, सभी कर्मचारियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि प्रमाण पत्रों और अन्य दस्तावेजों की प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सके।
आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्रों की प्राथमिकता पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मैनपावर की कमी को दूर कर प्रमाण पत्र समय पर जारी किए जाएं।
सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी तहसील अधिकारियों को अपने क्षेत्र का नियमित निरीक्षण करना चाहिए। अवैध कब्जों की पुष्टि होने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की इसमें संलिप्तता पाई गई, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
IGRS और मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त मामलों में जिलाधिकारी ने गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समाधान दिवस के मामलों में समयसीमा का पालन सुनिश्चित करने और शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लेने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, सभी उप जिलाधिकारी, अपर नगर मजिस्ट्रेट और तहसीलदार शामिल थे। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेकर समय पर निपटाने की अपील की।